39 भारतीयों की मौतः भाई की फोटो चूमकर बिलख पड़ी बहनें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 10:57 AM

39 indian in iraq

ईराक के मोसुल शहर में जून 2014 से अगवा चल रहे 39 भारतीयों के जीवित होने या न होने को लेकर चल रहे कयासों पर मंगलवार दोपहर केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की घोषणा से विराम लग गया और इन लोगों के परिजनों को बरसों से बंधी आस टूट गई।

होशियारपुर:  ईराक के मोसुल शहर में जून 2014 से अगवा चल रहे 39 भारतीयों के जीवित होने या न होने को लेकर चल रहे कयासों पर मंगलवार दोपहर केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की घोषणा से विराम लग गया और इन लोगों के परिजनों को बरसों से बंधी आस टूट गई।

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2014 को आया था बेटे का आखिरी फोन
कादियां के मदन लाल का बेटा राकेश कुमार भी 39 भारतीयों के साथ ईराक के शहर मोसुल में गया था लेकिन उसका भी कोई अता-पता नहीं चल सका।  मदन लाल ने बताया कि उसका बेटा सितंबर 2013 में ईराक के शहर मोसुल गया था। 16 जून 2014 को उन्हें उनके बेटे का आखिरी फोन आया। वह अपने बेटे के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कई बार मिल चुके हैं, उन्हें यह आश्वासन दिलाया जाता रहा कि उनका बेटा किसी धागा मिल में काम कर रहा है। वह शीघ्र घर आ जाएगा लेकिन आज उनके इस बयान ने हमारे सारे परिवार को झिंझोड़ कर रख दिया।मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुजर-बसर करने वाले मदन लाल ने दुखी मन से बताया कि 2 लाख रुपए लोगों से ब्याज पर लेकर अपने बेटे को ईराक भेजा था, उनके बेटे ने कर्ज उतारने के लिए केवल 22 हजार ही भेजा था। ज्योति तथा ममता अपने भाई की फोटो को चूमते हुए याद कर रो रही थीं।  

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क्या पता था कि वापस नहीं आएगा मेरा लाल 
नवांशहरः ईराक के मोसुल शहर में फंसे 39 भारतीयों क ी हत्या की खबर मंगलवार सुबह सुनते ही बलाचौर में शोक की लहर फैल गई। कत्ल किए गए 27 पंजाबियों में से 1 बलाचौर के नौजवान थे। मृतक  के घर  में खबर सुनते ही मातम फैल गया। बलाचौर के गांव महिदपुर के जसवीर सिंह (24) की हत्या की खबर सुनते ही उसकी माता सुरजीत कौर का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। वह अपने खोए हुए बेटे जसवीर को याद करती हुई कह रही थी कि ‘तिन साल तो उडीकदे अक्खां सुक गइयां वे पुतरा मेरेया, हुन तां मैंनू भी मार गया ए’। सुरजीत कौर कह रही थी कि उसे क्या पता था कि पैसे कमाने गया उसका बेटे वतना वापस नहीं लौटेगा। परिवार में सभी से छोटा जसवीर सिंह 31 अगस्त, 2013 को ईराक की अलहुदा कम्पनी में लेबर का कार्य करने के लिए गया था। मृतक के बड़े भाई छिंदा ने बताया कि मृतक जसवीर सिंह 2 बहनों व 3 भाइयों में से सबसे छोटा था। पिता बख्शीश राम भी बीमार होने के कारण गहरे सदमे में हैं। 

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