Edited By bharti,Updated: 19 Oct, 2018 09:46 AM
गत 3 अक्तूबर को पंजाब कैबिनेट द्वारा पिछले 10 वर्षों से ठेके पर कार्य करते 8,886 एस.एस.ए. रमसा अध्यापकों, आदर्श व मॉडल...
मोगा (गोपी): गत 3 अक्तूबर को पंजाब कैबिनेट द्वारा पिछले 10 वर्षों से ठेके पर कार्य करते 8,886 एस.एस.ए. रमसा अध्यापकों, आदर्श व मॉडल स्कूलों में कार्य करते अध्यापकों को शिक्षा विभाग में रैगुलर करने की आड़ में मौजूदा मिल रहे वेतन पर 65 से 75 प्रतिशत कटौती करने के फैसले के खिलाफ तथा पूरा वेतन व रैगुलर करवाने के लिए 7 अक्तूबर से पटियाला दुख निवारण गुरुद्वारे समक्ष सांझा अध्यापक मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे पक्के मोर्चे में मरण व्रत पर बैठे 11 अध्यापकों व 6 महिला अध्यापकों की हालत बिगडऩे पर 11वें दिन तक भी पंजाब सरकार द्वारा अध्यापकों की मांगों का हल नहीं किया गया।
सरकारी अधिकारी द्वारा कोई सुध न लेने के रोष तहत प्रदेश स्तरीय फैसले अनुसार सांझा अध्यापक मोर्चा इकाई मोगा द्वारा मुख्यमंत्री पंजाब व वित्त मंत्री पंजाब के रावण रूपी पुतले फूंककर नारेबाजी की गई। इस अवसर पर सांझा अध्यापक मोर्चा के नेता दिग्विजय पाल शर्मा, हरजंट बोडे, केवल सिंह, बूटा सिंह भट्टी, गुरप्रीत अम्मीवाला, अमरदीप सिंह, स्वर्ण सिंह, गुरमीत सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री पंजाब कह रहे हैं कि वेतन कम करने का फैसला अध्यापक जत्थेबंदियों की सहमति से किया गया है जबकि सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब द्वारा कभी भी इसको विरोधी फैसले के पक्ष में सहमति नहीं दी गई। उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पंजाब सरकार ने अध्यापकों की मांगों का जल्द कोई हल न निकाला तो मरण व्रत पर बैठे किसी भी अध्यापक का किसी किस्म का कोई नुक्सान होता है तो इसकी जिम्मेदार पंजाब सरकार की होगी।