पी.एस.यू. की महिला कार्यकर्ता डी.एम. कालेज के समक्ष बैठीं हड़ताल पर

Edited By swetha,Updated: 24 Jul, 2018 11:26 AM

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देश का भविष्य कहलाने वाला नौजवान वर्ग यदि शिक्षित होगा तो देश उन्नति की राह पर चलेगा, परंतु आए दिन शिक्षा के लिए नौजवानों द्वारा संघर्ष करना गंभीर चिंता का विषय है। इसी प्रकार आज पंजाब स्टूडैंट यूनियन (पी.एस.यू.) की महिला वर्कर स्थानीय डी.एम. कालेज...

मोगा (गोपी राऊंके): देश का भविष्य कहलाने वाला नौजवान वर्ग यदि शिक्षित होगा तो देश उन्नति की राह पर चलेगा, परंतु आए दिन शिक्षा के लिए नौजवानों द्वारा संघर्ष करना गंभीर चिंता का विषय है। इसी प्रकार आज पंजाब स्टूडैंट यूनियन (पी.एस.यू.) की महिला वर्कर स्थानीय डी.एम. कालेज के समक्ष एस.सी. वर्ग के विद्यार्थियों की मांगों के लेकर पक्की हड़ताल पर बैठी हैं।हड़ताल पर बैठी महिला नेताओं ने जहां सरकार व कालेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं शिक्षा संस्थान पर आरोप लगाया कि कालेजों द्वारा शिक्षा का भी व्यापारीकरण कर एस.सी. वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक किसी भी कालेज प्रबंधक अधिकारी ने आकर नेताओं से वार्तालाप नहीं किया और हड़ताल निरंतर जारी थी।

क्या है पूरा मामला
कालेज समक्ष धरने पर बैठी पी.एस.यू. नेता जगवीर कौर, सुखविंद्र कौर और अर्शदीप कौर ने कहा कि एस.सी. वर्ग के विद्याॢथयों को पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा फीस माफी की कथित छूट दी गई है, परंतु फिर भी जब एस.सी. विद्यार्थी कालेजों में दाखिला लेने हेतु आते हैं तो कालेज प्रबंधकों द्वारा उनसे बड़ी राशि की मांग की जाती है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जगवीर ने कहा कि दाखिलों के समय एस.सी. वर्ग से मांगी जा रही बी.कॉम. की 26034 रुपए फीस, बी.एससी. की 18124 रुपए और एम.ए. की 26690 रुपए की फ ीस का बायकाट करते हैं। जगवीर कौर ने कहा कि एस.सी. वर्ग उच्च शिक्षा के लिए इतनी महंगी राशि भरने से असमर्थ है और कालेज प्रबंधकों द्वारा कथित रूप से एस.सी. विद्याॢथयों को बिना फीस दाखिला न देकर विद्यार्थियों का भविष्य खराब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक कालेज एस.सी. विद्यार्थियों को बिना फीस लिए दाखिला नहीं देगा, तब तक हम संघर्ष को इसी तरह जारी रखेंगे। 

बी.सी. व ओ.बी.सी. के हक में भी उतरे यूनियन नेता
जिक्रयोग्य है कि जहां यूनियन द्वारा एस.सी. विद्यार्थियों की मांगों को लेकर धरना लगाया जा रहा है।  वहीं यूनियन द्वारा बी.सी. व ओ.बी.सी. वर्ग में शामिल 2.5 लाख की वार्षिक आमदन वाले परिवारों के विद्यार्थियों की भी पूरी फीस माफ करने की मांग उठाई जा रही है। बेशक यूनियन के इस संघर्ष में बी.सी. व ओ.बी.सी. वर्ग से संबंधित नौजवान कम शामिल हो रहे हैं, परंतु यूनियन द्वारा हर वर्ग को उनका अधिकार दिलाने के लिए आवाज बुलंद की जा रही है। इसके साथ यूनियन द्वारा पी.टी.ए. फंड का भी जमकर विरोध जारी है।

क्या कहना है कालेज प्रिंसीपल का..
इस संबंधी कालेज प्रिं. डी. कौशल ने बताया कि पहले माननीय हाईकोर्ट द्वारा कालेजों को निर्देश दिए गए थे कि कालेज एस.सी. विद्यार्थियों से एक बार दाखिला फीस लेकर ही उन्हें दाखिल देंगे और उपरोक्त राशि सरकार द्वारा कथित रूप से विद्यार्थियों के  खातों में बाद में लौटा दी जाएगी, परंतु उसके बाद फिर से आदेशों में तबदीली हुई है। प्रिं. कौशल ने बताया कि अब गत दिवस ही माननीय हाईकोर्ट के दोबारा निर्देश आए हैं। उनमें जो भी निर्देश लिखे होंगे, उसके आधार पर कालेज द्वारा एस.सी. विद्यार्थियों को बनती सहूलियत मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कालेज द्वारा किसी प्रकार का भेदभाव कभी नहीं किया जाता, बल्कि कालेज के प्रबंधक कई बार स्वयं अपनी जेब से पैसे खर्च कर जरूरतमंदों के दाखिले करवाते हैं।

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