नगर निगम मोगा अपनों पर मेहरबान, जनता परेशान

Edited By swetha,Updated: 17 Nov, 2018 10:24 AM

municipal corporation moga

एक तरफ जहां नगर निगम मोगा शहर की काफी समय से टूटी सड़कें न बनाकर लोगों के रोष का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में अपनी पहुंच वाले लोगों के अपने रिहायशी क्षेत्रों पर नगर निगम मोगा इतना मेहरबान हो रहा है कि इनकी गैर-मंजूरशुदा रिहायशी...

मोगा(गोपी राऊके): एक तरफ जहां नगर निगम मोगा शहर की काफी समय से टूटी सड़कें न बनाकर लोगों के रोष का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में अपनी पहुंच वाले लोगों के अपने रिहायशी क्षेत्रों पर नगर निगम मोगा इतना मेहरबान हो रहा है कि इनकी गैर-मंजूरशुदा रिहायशी कालोनियों में सड़कें, सीवरेज समेत अन्य काम करवाने के लिए नियमों की कथित अनदेखी कर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

हैरानी की बात तो यह है कि शहर की घनी आबादी वाली सड़कों को बनाने की बजाय नगर निगम द्वारा शहर से बाहरी क्षेत्र में पड़ती कालोनियों पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जबकि शहर में आवाजाई वाले इलाकों के लोग मूलभूत सुविधाएं हासिल करने के लिए निगम से मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको कुछ हासिल नहीं हुआ। 

एकत्रित की गई जानकारी में यह पता चला है कि निगम द्वारा कुछ समय पहले शहर के 54 विकास कार्यों संबंधी लिस्ट जारी कर वर्क आर्डर काटे गए थे तथा इनमें ही इन कालोनियों की सड़कों पर इंटरलॉक टाइलें लगाने के लिए लाखों रुपए की राशि खर्च करने का काम जारी किया था। यह वर्क आर्डर काटने उपरांत तेजी से ही इन कालोनियों में ठेकेदारों द्वारा विकास कार्य शुरू करवा दिए गए, लेकिन इस मामले की चर्चा शुरू होने उपरांत यह विकास कार्य विवादों के घेरे में आ गए।

आर.टी.आई. एक्टीविस्ट द्वारा जानकारी मांगने उपरांत निगम ने करवाया काम बंद
 शहर के बाहरी हिस्सों में स्थित कथित गैर-मंजूरशुदा कालोनियों में जब नगर निगम द्वारा वर्क आर्डर काटकर चलाए कार्यों संबंधी मोगा के आर.टी.आई. एक्टीविस्ट ने जानकारी हासिल करने के लिए आर.टी.आई. डाली तो इसके उपरांत नगर निगम द्वारा कथित तौर पर उक्त कालोनियों में शुरू किए गए टाइलों के काम को अधर में छोड़कर समूचा काम बंद करवा दिया गया। आर.टी.आई. वर्कर सुरेश सूद के अनुसार अभी तक उनको उक्त कालोनियों संबंधी मांगी गई जानकारी का कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ। सूद ने कहा कि निगम को यह बताना चाहिए कि आखिरकार यह कालोनियां पुडा, ग्लाडा या फिर कार्पोरेशन समेत कहां से मंजूरशुदा हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के खून-पसीने की कमाई को शहर के बाहरी कम आबादी वाले स्थानों पर खर्च किया जा रहा है, जबकि शहर में बहुत से जरूरी कार्यों की ओर निगम का ध्यान नहीं।

काम बंद करने वाले ठेकेदारों का निगम को नोटिस

निगम द्वारा काम बंद करवाने संबंधी ठेकेदार विजय ने कहा कि उनको नहीं पता कि कालोनी मंजूरशुदा है या नहीं, लेकिन उनको काम बंद करने संबंधी जुबानी आदेश दिए गए, जिसके उपरांत उन्होंने विकास कार्य रोक दिए। उन्होंने कहा कि 40 लाख के लगभग के विकास कार्यों में उन्होंने 8 लाख रुपए के काम किए थे तथा जिनकी राशि लेने के लिए उन्होंने निगम को नोटिस दिया है।

इस तरह के अन्य मामले सामने आने की संभावना
जानकारी के अनुसार शहर के अन्य स्थानों पर भी इस तरह के मामले सामने आने की संभावना है। जिन इलाकों या कालोनियों को मंजूरी तो नहीं थी, लेकिन इन स्थानों पर विकास कार्यों पर लाखों रुपए खर्च किए गए हैं। इस दौरान ही अब यह सवाल भी उठता है कि आखिरकार गैर-मंजूरशुदा कालोनियों पर लाखों रुपए खर्च करने से निगम के हुए आॢथक नुक्सान की भरपाई आखिरकार कहां से होगी।

मामले की मांगी गई है रिपोर्ट : निगम कमिश्नर
गैर-मंजूरशुदा कालोनियों में विकास कार्य होने के मामले संबंधी मोगा की कमिश्नर मैडम अनीता दर्शी ने कहा कि इस मामले की शिकायत आने उपरांत तुरंत काम रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जल्द रिपोर्ट मांगी गई है कि आखिरकार गैर-मंजूरशुदा कालोनियों में किस तरह विकास कार्यों के वर्क आर्डर काटे गए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने उपरांत अगली कार्रवाई की जाएगी।

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