Edited By Anjna,Updated: 25 Jun, 2018 11:03 AM
एक तरफ जहां नगर निगम मोगा की ओर से शहरवासियों को शुद्ध पानी मुहैया करवाने के बड़े दावे किए जाते हैं, वहीं जमीनी हकीकत ने निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी है।
मोगा (गोपी राऊंके): एक तरफ जहां नगर निगम मोगा की ओर से शहरवासियों को शुद्ध पानी मुहैया करवाने के बड़े दावे किए जाते हैं, वहीं जमीनी हकीकत ने निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी है। मिली जानकारी में पता लगा है कि शुद्ध पानी की सप्लाई यकीनी बनाने के लिए शहर के मुख्य ट्यूबवैलों से सप्लाई होते पानी में क्लोरीन डालने के लिए समूचे शहर के 37 स्थानों पर डोजर लगाए गए हैं, जिनमें से 11 डोजर पिछले कई दिनों से बंद पड़े हैं। इस कारण शहरवासियों को सही पानी नहीं मिल रहा है।
हैरानीजनक तथ्य उभरकर सामने यह भी आ रहा है कि खराब पड़े डोजरों संबंधी निगम अधिकारियों को सब पता होने के बावजूद इनको ठीक करवाने की तरफ अभी तक ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण शहरवासियों में निगम के प्रति रोष पाया जा रहा है। ‘पंजाब केसरी’ की ओर से इस संबंध में एकत्रित की गई विशेष रिपोर्ट में यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि शहर के विभिन्न स्थानों पर निगम द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से बनाई टैंकियों से पानी की सप्लाई बंद कर सीधी सप्लाई ही घरों तक पहुंचानी शुरू कर दी है, जिससे यह इमारतें तो खंडहर बन ही रही हैं, बल्कि इन जल घरों में लगा आधुनिक साजो-सामान भी खराब हो रहा है। शहर में सिर्फ बेअंत नगर तथा टाऊन हाल क्लब में बनी टैंकी से ही पानी की सप्लाई होती है।
दूषित पानी से पहले भी फैल चुकी बीमारियां
मोगा शहर में पहले भी दूषित पानी के कारण बीमारियां फैल चुकी हैं। शहर के कुलार नगर तथा दाना मंडी में दर्जनों लोग दूषित पानी के चलते दस्त व उल्टियों से पीड़ित हो गए थे, जिनको काफी समय से बीमारियों का सामना करना पड़ा था। उस समय से नगर निगम मोगा द्वारा समूचे शहरवासियों को क्लोरीन युक्त पानी मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन शहर में अब फिर डोजर बंद होने के चलते नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।