पी.एच.सी. में न दवाई न ही डाक्टर, सेहत सुविधाएं राम भरोसे

Edited By Anjna,Updated: 20 Feb, 2019 11:31 AM

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राज्य व केन्द्र सरकार आम लोगों को सेहत सहूलियतें मुहैया करवाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाती है तथा अपने बयानों द्वारा तरह-तरह के दावे आम जनता को सेहत सहूलियतें मुहैया करवाने संबंधी किए जाते हैं, लेकिन हकीकत इससे कहीं दूर है।

धर्मकोट (सतीश): राज्य व केन्द्र सरकार आम लोगों को सेहत सहूलियतें मुहैया करवाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाती है तथा अपने बयानों द्वारा तरह-तरह के दावे आम जनता को सेहत सहूलियतें मुहैया करवाने संबंधी किए जाते हैं, लेकिन हकीकत इससे कहीं दूर है। लोगों को सस्ती सेहत सहूलियतें मुहैया करवाने संबंधी दावे हवा में उड़ते देखे जा रहे हैं तथा लोग महंगे इलाज के लिए मजबूर हो रहे हैं।

स्थानीय शहर में स्थित पी.एच.सी. जिसकी नई बिल्डिंग गत सरकार दौरान बनाई गई थी। इस आलीशान बिल्डिंग में हर तरह की बीमारियों से संबंधित डाक्टरों के कमरे बनाए गए हैं। वहीं राज्य सरकार को आए 2 वर्ष के करीब समय होने वाला है, लेकिन सरकार द्वारा इस अस्पताल में कोई भी पक्का डाक्टर नहीं भेजा जा रहा और न ही यहां मरीजों की सहूलियत हेतु दवाइयां हैं। इस अस्पताल की बिल्डिंग लोगों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है, जबकि इस अस्पताल के साथ 50 से 60 गांव लगते हैं। इन गांवों के लोगों को डाक्टरी सेवाएं लेने के लिए मोगा, लुधियाना जैसे बड़े शहरों में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

सेहत सहूलियतें मुहैया करवाना सरकार का प्रारंभिक फर्ज : मंगत राम
अग्रवाल सभा धर्मकोट के अध्यक्ष कर्मचंद अग्रवाल का कहना है कि धर्मकोट बहुत बड़ी सब डिवीजन है तथा इस अस्पताल से अनेक गांव लगते हैं। लोगों को अस्पताल में दवाई व डाक्टर न मिलने कारण सेहत सहूलियतों हेतु दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि पहल के आधार पर डाक्टर मुहैया करवाया जाए।वहीं करियाना यूनियन धर्मकोट के अध्यक्ष मंगत राम गोयल का कहना है कि सेहत सहूलियतें मुहैया करवाना सरकार का प्रारंभिक फर्ज है। धर्मकोट शहर जिसकी आबादी बहुत ज्यादा है। वहीं सरकार द्वारा जो अस्पताल बनाया गया है वह बहुत छोटा है। इसलिए सरकार को अस्पताल में पेश आने वाली समस्याओं का पहल के आधार पर हल करना चाहिए।

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