Edited By Anjna,Updated: 28 Jun, 2018 03:20 PM
गांव लंडेके निवासी जसविन्द्र कौर ने अपनी बहू पर पटवारी के साथ कथित मिलीभगत कर अपने मृत पति का विरासत इंतकाल गलत दस्तावेजों के आधार पर करवाने का आरोप लगाया है। बहू का बेटे के साथ पहले ही माननीय अदालत में तलाक का केस चल रहा है, वहीं पुलिस ने जांच के...
मोगा (आजाद): गांव लंडेके निवासी जसविन्द्र कौर ने अपनी बहू पर पटवारी के साथ कथित मिलीभगत कर अपने मृत पति का विरासत इंतकाल गलत दस्तावेजों के आधार पर करवाने का आरोप लगाया है। बहू का बेटे के साथ पहले ही माननीय अदालत में तलाक का केस चल रहा है, वहीं पुलिस ने जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। जिला पुलिस अधीक्षक मोगा को दिए शिकायत पत्र में जसविन्द्र कौर पत्नी स्व. सुरिन्द्र सिंह ने कहा कि उसके बेटे कमलदीप की शादी विदेश जाने के लिए कांट्रैक्ट बेस पर 2009 में गुरविन्द्र कौर निवासी गांव खोसा पांडो के साथ हुई थी लेकिन बाद में कुछ विवादों के कारण उनकी शादी टूट गई।
इस पर मेरे बेटे कमलदीप सिंह तथा गुरविन्द्र कौर ने माननीय अदालत में 2014 में तलाक लेने के लिए सांझे तौर पर पटीशन दायर कर दी। माननीय अदालत में गुरविन्द्र कौर ने मुआवजे के रूप में 3 लाख रुपए हमसे ले लिए। माननीय अदालत में तलाक लेने से 3-4 दिन पहले गुरविन्द्र कौर पेश हुई और तलाक देने से इन्कार कर दिया। इस पर अदालत ने उक्त दोनों की तलाक पटीशन रद्द कर दी। उसने अपनी पुत्रवधू पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया।
दायर की नई पटीशन
बाद में मेरे लड़के कमलदीप सिंह ने गुरविन्द्र कौर से तलाक लेने के लिए माननीय अदालत में नई पटीशन दायर की लेकिन गुरविन्द्र कौर पेश नहीं हुई और उसने मेरे बेटे के खिलाफ गुजारा भत्ता लेने का केस दायर कर दिया। उसने कहा कि मेरी पुत्रवधू ने गुजारा भत्ता लेने के मामले में लाभ प्राप्त करने के लिए मेरे पति सुरिन्द्र सिंह जिसकी 1 जून, 2014 को मृत्यु हो गई थी और उसने अपनी मृत्यु से पहले 28 फरवरी, 2014 को अपनी सारी चल-अचल जायदाद का वारिस मुझे अकेली को बनाया था।
विरासत इंतकाल का अधिकार सिर्फ मेरे पास ही था लेकिन मेरी पुत्रवधू गुरविन्द्र कौर ने पटवारी के साथ कथित मिलीभगत कर कहा कि सुरिन्द्र सिंह द्वारा कोई भी रजिस्टर्ड या अनरजिस्टर्ड वसीयत नहीं करवाई गई। उसने राजस्व विभाग में अपने बयान दर्ज करवाकर कहा कि हमारा घरेलू कोई विवाद नहीं है। मेरे पति की जायदाद बारे झूठा तथा गलत बयान दर्ज करवाकर विरासत इंतकाल राजस्व विभाग में दर्ज करवा दिया जबकि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। मेरी पुत्रवधू ने माननीय अदालत में गुजारा भत्ता मामले में फायदा लेने के लिए उक्त विरासत इंतकाल जमाबंदी की कॉपी माननीय अदालत में दे दी। इस तरह उसने मेरे साथ धोखाधड़ी की है।
क्या हुई कार्रवाई
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच एस.पी.आई. मोगा को करने का आदेश दिया। जिन्होंने जांच समय पाया कि गुरविन्द्र कौर तथा कमलदीप सिंह की शादी दोनों परिवारों द्वारा तय करते समय कहा गया था कि गुरविन्द्र कौर आईलैट्स करके अपने पति को साथ लेकर विदेश जाएगी जिसका सारा खर्चा लड़का परिवार करेगा लेकिन गुरविन्द्र कौर आईलैट्स क्लीयर नहीं कर सकी। जिस पर उक्त दोनों के मध्य विवाद रहने लगा।
जिस पर गुरविन्द्र कौर ने अपने पति कमलदीप सिंह के साथ तलाक लेने की अदालत में अर्जी दायर की थी। जांच समय शिकायतकर्ता के आरोप सही पाए जाने पर उक्त मामला दर्ज किया गया। जांच अधिकारी ने कहा कि यदि उक्त मामले में और कोई आरोपी पाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। जिस पर उक्त मामले में थाना सिटी मोगा द्वारा गुरविन्द्र कौर निवासी गांव खोसा पांडो के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है।