Edited By swetha,Updated: 11 Jul, 2018 06:24 PM
प्राइवेट अस्पताल निर्माण कार्यों के दौरान नियमों की अनदेखी करने के विवादों में घिरे हुए हैं। यह मामला उस समय गर्माया, जब गत दिनों आर.टी.आई. कार्यकर्ता सुरेश सूद द्वारा माननीय हाईकोर्ट में नियमों की अनदेखी करने वाले इन अस्पतालों के खिलाफ जनहित याचिका...
मोगा (संदीप शर्मा): प्राइवेट अस्पताल निर्माण कार्यों के दौरान नियमों की अनदेखी करने के विवादों में घिरे हुए हैं। यह मामला उस समय गर्माया, जब गत दिनों आर.टी.आई. कार्यकर्ता सुरेश सूद द्वारा माननीय हाईकोर्ट में नियमों की अनदेखी करने वाले इन अस्पतालों के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई। इसके बाद नगर निगम द्वारा सभी अस्पतालों को नोटिस भी भेजे गए थे। नोटिस को अनदेखा करने पर नगर निगम की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी।
जानकारी देते हुए नगर निगम के असिस्टैंट टाऊन प्लानर गुरप्रीत सिंह ने बताया कि नगर निगम की ओर से पहले भी उक्त अस्पतालों के संचालकों को इस संबंधी नोटिस भेजे गए थे तथा जल्द नियमानुसार अपने अस्पतालों में बदलाव करने के साथ-साथ संबंधित विभागों से जरूरी मंजूरियां लेने के भी आदेश दिए थे। बेशक यह मामला माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन फिर भी नगर निगम के नोटिस को नजरअंदाज करने पर यह कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान सिविल लाइन में स्थित चमड़ी रोगों के माहिर डा. विजय गोयल के अस्पताल गोयल स्किन केयर अस्पताल को सील किया गया है तथा आई.एम.ए. के जिलाध्यक्ष डा. संजीव मित्तल के अस्पताल संजीव मित्तल में नियमों की अनदेखी करके बनाए गए हिस्से को तुड़वाया गया।
नियमों में हो संशोधन : इंडियन मैडीकल एसो.
इस संबंधी इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा मित्तल हार्ट अस्पताल के संचालक डा. संजीव मित्तल का कहना है कि निगम शहरवासियों को बुनियादी सहूलियतें देने की तरफ ध्यान देने की बजाय लोगों से प्राथमिक सहूलियतें छीन रही है। बनाए गए नियम बड़े-बड़े मैडीकल कालेजों को देखते हुए बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत मुश्किल है।
विरोध में काम ठप्प करने का लिया फैसला
इंडियन मैडीकल एसोसिएशन ने मांग की कि इन नियमों में संशोधन किया जाए। निगम की कार्रवाई के बाद आई.एम.ए. तथा शहरी व्यापारी मंडल के मैंबरों द्वारा तुरंत एक बैठक बुलाई गई, जिसमें नगर निगम की कार्रवाई पर रोष प्रकट करते तथा कार्रवाई को निगम की धक्केशाही बताया गया। बैठक में आई.एम.ए. ने बुधवार को जिले के लगभग 100 प्राइवेट अस्पतालों में काम ठप्प करने का फैसला लिया।