Edited By Anjna,Updated: 31 May, 2018 11:13 AM
आर्थिक मंदहाली में से गुजर रही देश की किसानी द्वारा अब महा आंदोलन करने का फैसला लिया गया है, जिसके तहत 1 से 10 जून तक शहरवासियों को किसान वर्ग की ओर से दूध, फल व सब्जियों की सप्लाई बंद करने की घोषणा की गई है।
मोगा (गोपी राऊंके): आर्थिक मंदहाली में से गुजर रही देश की किसानी द्वारा अब महा आंदोलन करने का फैसला लिया गया है, जिसके तहत 1 से 10 जून तक शहरवासियों को किसान वर्ग की ओर से दूध, फल व सब्जियों की सप्लाई बंद करने की घोषणा की गई है। चाहे इस फैसले उपरांत अभी तक केन्द्र व प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी तौर पर कोई बयान नहीं दिया गया, लेकिन शहरवासियों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
दूसरी तरफ शहरवासियों ने फल-सब्जियों का तो प्रबंध करना शुरू कर दिया है, लेकिन शहरवासी इस ङ्क्षचता में हैं कि दूध कहां से लेंगे। ‘पंजाब केसरी’ की ओर से इस संबंध में एकत्रित की जानकारी के अनुसार देश भर की 120 के करीब किसान जत्थेबंदियों द्वारा किए जा रहे देशव्यापी इस रोष की तैयारियां पिछले समय से ही की जा रही हैं। किसान वर्ग बताते हैं कि हमारे से सब्जियां तथा फल सस्ते भाव पर लेकर आगे 3 गुना अधिक भाव पर बेचते हैं, जिससे किसानों के साथ नाइंसाफी हो रही है, जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
किसान नेता गांवों में जाकर यह तर्क दे रहे हैं कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने किसानों को आर्थिक पक्ष से मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, बल्कि दोनों सरकारों के वायदे खोखले लारे साबित हुए हैं, जिस कारण अब इस आंदोलन के सिवाय किसानों के पास कोई रास्ता बाकी नहीं बचा है।