Edited By swetha,Updated: 30 Aug, 2018 09:39 AM
गांव लोपों के सरकारी प्राइमरी स्कूल लोहटबद्धी की ओर से 77 हजार का बिल न भरने के चलते बिजली विभाग ने कनैक्शन काट दिया जिससे कई दिनों से बच्चे भीषण गर्मी में बेहाल हैं। इस स्कूल में ज्यादा बच्चे दलित परिवारों से संबंधित होने के चलते कोई इसकी सुध नहीं...
बधनीकलां (मनोज): गांव लोपों के सरकारी प्राइमरी स्कूल लोहटबद्धी की ओर से 77 हजार का बिल न भरने के चलते बिजली विभाग ने कनैक्शन काट दिया जिससे कई दिनों से बच्चे भीषण गर्मी में बेहाल हैं। इस स्कूल में ज्यादा बच्चे दलित परिवारों से संबंधित होने के चलते कोई इसकी सुध नहीं ले रहा है।सरकारी प्राइमरी स्कूल लोहटबद्धी को 1996 में मिडल स्कूल का दर्जा तो दे दिया गया जहां मिडल स्कूल के लिए स्कूल की ऊपर वाली मंजिल दे दी गई मिडल स्कूल को रसोई, दफ्तर बाकी तो सब कुछ अलग मिल गया लेकिन बिजली का मीटर एक प्राइमरी स्कूल में ही लगा है जिससे मिडल स्कूल को बिजली की सप्लाई दे दी गई।
अब जब भी बिल आता है, तो प्राइमरी स्कूल को ही आता है। पिछले 2 सालों से दोनों स्कूल प्रमुखों ने बिल भरना ही बंद कर दिया। जब भी स्कूल कमेटी बिल बारे बात करती है, तो प्राइमरी स्कूल के प्रमुख का यही कहना होता है कि बिल सांझे तौर पर दोनों स्कूलों को भरना चाहिए। जब बिजली दोनों स्कूलों में चलती है लेकिन मिडल स्कूल के प्रमुख का यही कहना होता है कि हमें बिजली बिल के लिए पीछे से फंड नहीं आता है, हम बिल कहां से दें। दोनों स्कूल प्रमुखों की आपसी चल रही कशमकश के कारण अब बिल की रकम बड़ी बन गई। इस सूरत में बिजली विभाग ने स्कूल का कनैक्शन ही काट दिया।
गांव के गण्यमान्यों ने स्कूल प्रमुखों की करवाई सहमति
स्कूल में गर्मी से बेहाल हुए बच्चों के अभिभावकों ने काका सिंह सरपंच, बुध सिंह पंच तथा हरनेक सिंह पूर्व पंच को इस मसले बारे बताया, तो इन नेताओं ने प्राइमरी स्कूल के प्रमुख तरसेम सिंह तथा मिडल स्कूल के प्रमुख कमलजीत सिंह को बैठाकर इस मसले का हल करने के लिए कहा। पूर्व पंच हरनेक सिंह ने कहा कि मिडल स्कूल के प्रमुख को लापरवाही नहीं करनी चाहिए थी। इसको प्राइमरी स्कूल से तार लगाने की बजाय स्कूल में मीटर लगवाना चाहिए था। यदि तार लगाई थी, तो अपना बनता बिल भी देना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक सप्ताह से बच्चे गर्मी की मार झेल रहे हैं। यदि गर्मी से कोई बच्चा बेहोश हो जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है। उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से जहां मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, वहीं तुरंत बिल भरकर बिजली चालू करने की भी मांग की है।
क्या कहना है जिला शिक्षा अफसर का
जब इस संबंधी जिला शिक्षा अफसर गुरदर्शन सिंह बराड़ से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इस मामले संबंधी उनको अभी पता लगा है। मिडल स्कूल को सरकारी हाई स्कूल के साथ जोड़ा हुआ है। मिडल स्कूल के प्रमुख को हमें लिखित तौर पर बताना चाहिए था कि स्कूल में मीटर नहीं लगा है। आज तक हमारे साथ इस विषय पर कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सारे मामले की वह खुद स्कूल में जाकर जांच करेंगे। जो भी आरोपी हुआ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहना है स्कूल प्रमुखों का
जब इस संबंधी प्राइमरी स्कूल के हैड टीचर मास्टर तरसेम सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम सारा बिल भरने में असमर्थ हैं लेकिन आधा बिल मैं अपने वेतन में से भर दूंगा, ताकि बच्चों को कोई मुश्किल न आए लेकिन आधा बिल तो मिडल स्कूल वालों को भरना चाहिए। जिन्होंने 2 सालों से हमारे स्कूल के मीटर से बिजली इस्तेमाल की है। दूसरी तरफ मिडल स्कूल के प्रमुख कमलजीत सिंह का कहना था कि हमें बिल के लिए कोई फंड नहीं आ रहा है तथा हमने लिखित भी कई बार कहा कि या तो मिडल स्कूल में मीटर अलग लगवा दिया जाए या फिर सांझा बिल देने के लिए हमें फंड भेजा जाए लेकिन कोई अधिकारी सुनता नहीं है। उन्होंने कहा कि गण्यमान्यों के कहने पर हम सारे टीचर मिलकर आधा बिल दे देंगे तथा आगे देखते हैं कि क्या करना है।