बीमारियों का घर बने गांवों के गंदे छप्पड़ों ने किया लोगों की नाक में दम

Edited By bharti,Updated: 22 Oct, 2018 12:10 PM

dangers of villages made of diseases were done in the nose of people

एक तरफ जहां समय-समय पर पंजाब पर शासन करने वाली प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को बुनियादी सहूलियतों ...

मोगा (गोपी): एक तरफ जहां समय-समय पर पंजाब पर शासन करने वाली प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को बुनियादी सहूलियतों से लैस करने के बड़े दावे किए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ जमीनी हकीकत सरकारी दावों से बिल्कुल भी मेल खाती नजर नहीं आ रही। अभी भी गांवों के लोग बनती सहूलियतें हासिल करने के लिए सरकारों के आगे झोली खोले खड़े हैं, लेकिन फिर भी उनकी समस्याओं का हल कहीं भी होता नजर नहीं आ रहा।‘पंजाब केसरी’ द्वारा जिले भर के 343 गांवों की समस्याएं जानने संबंधी एकत्रित की गई विशेष रिपोर्ट में सबसे अहम समस्या गांवों में पानी निकासी की उभरकर सामने आई है। गंदे पानी की निकासी का लगभग 250 से भी ऊपर जिले भर के गांवों में कोई ठोस हल नहीं है।

जानकारी के अनुसार जिन गांवों में पानी निकासी के हल हेतु सीवरेज की पाइप लाइन बिछाई गई हैं, उनमें सरकार की रहमत तो कोई नहीं है, बल्कि इन गांवों की चेतन ग्राम पंचायतें व गांववासियों ने अपने स्तर पर ही प्रयास करके गांवों की नुहार संवारी है। गंदे पानी की निकासी की समस्या जिले भर के चारों विधानसभा हलकों मोगा, धर्मकोट, निहाल सिंह वाला व बाघापुराना क्षेत्र के गांवों में एक जैसी ही देखने को मिल रही है। जिले के बड़े गांव भिंडर कलां में गंदे पानी की निकासी का कोई ठोस हल न होने कारण गांव के छप्पड़ों का पानी अक्सर ही ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ जाता है। इस तरह की स्थिति बनने के कारण छप्पड़ के आसपास की सड़कें तो टूट ही रही हैं, बल्कि छप्पड़ की बदबू बीमारियों को भी आान कर रही है। गांववासी बताते हैं कि चाहे छप्पड़ की निकासी के लिए आरजी मोटर तो लगाई जाती है, लेकिन अक्सर छप्पड़ का पानी ओवरफ्लो होने के कारण समस्याएं बढ़ जाती हैं। गांव तख्तूपुरा साहिब के धूड़कोट रणसींह रोड पर स्थित छप्पड़ की समस्या भी वर्षों पुरानी है। बरसाती दिनों में तो यह समस्या और भी गंभीर बन जाती है। गांववासियों का कहना है जब ओवरफ्लो होकर छप्पड़ का पानी सड़कों पर घरों में दाखिल होता है, तब सरकारी स्तर पर इसके हल के लिए दावे होते हैं, लेकिन बाद में फिर समस्या ज्यों की त्यों बन जाती है।

गंदे पानी की निकासी के लिए सरकार व प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत : बीड़ राऊके
जिला मोगा के गांव बीड़ राऊके के पूर्व पंच व सीनियर नेता गुरचरन सिंह बीड़ राऊके का संपर्क करने पर कहना था कि गांवों में गंदे पानी की निकासी सचमुच गंभीर समस्या है। इसके हल के लिए समय की सरकारें व प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है। यदि इस समस्या के हल के लिए गंभीरता न दिखाई तो भविष्य में समस्या और भी बढ़ सकती है।

गांव रणसींह कलां के सरपंच की तरह हर पंचायत उठाए कदम : कुलवंत सिंह
गांव राऊके कलां के नौजवान कुलवंत सिंह का कहना था कि जिला मोगा के गांव रणसींह कलां के सरपंच प्रीतइंद्रपाल सिंह ने जिस तरह नगर में से पैसे इकट्ठे करके दिन-रात मेहनत कर गांवों में सीवरेज डाला है। उसी तरह जिला मोगा के हर गांव की पंचायत को समूचे नगर को साथ लेकर गंदे पानी की निकासी का पक्का हल करना चाहिए।

छप्पड़ों की सफाई करवाकर इसको मछली पालन के लिए प्रयोग में लाने की जरूरत
बुद्धिजीवी वर्ग ने यह मांग की कि गांवों के गंदे छप्पड़ों की सफाई करवाकर इसको मछली पालन के लिए प्रयोग में लाने की जरूरत है क्योंकि इससे जहां छप्पड़ों द्वारा फैलाया जा रहा प्रदूषण कम होगा, वहीं ग्राम पंचायत की आमदन भी बढ़ेगी। चाहे सरकार ने पिछले कुछ समय से यह बीड़ा उठाया था, लेकिन फिर भी इस मुहिम को हर गांव तक पहुंचाने की जरूरत है।

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