Edited By Updated: 15 Oct, 2016 12:42 PM
‘बहुत आती है घर में कदम रखते ही माता-पिता की याद, उनके जाने के बाद’।
मोगा (ग्रोवर): ‘बहुत आती है घर में कदम रखते ही माता-पिता की याद, उनके जाने के बाद’। उक्त विचार अपनी माता प्रो. सरोज सूद की बरसी पर मोगा अपने निवास स्थान पर पहुंचे बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सोनू सूद ने ‘पंजाब केसरी’ से विशेष वार्तालाप दौरान भावुक होते हुए प्रकट किए। जिक्र योग्य है कि मोगा के जमपल और बॉलीवुड में अपनी ऊंची शान बना चुके सोनू सूद हर वर्ष अक्तूबर महीने में मोगा आते हैं। मालवा के छोटे से शहर मोगा से चल कर मायानगरी मुंबई तक बिना गॉडफादर अपनी अनूठी कला का लोहा मनवाने वाले इस होनहार अदाकार ने कुछ दिन पहले रिलीज की अपनी पहली होम प्रोडक्शन फिल्म ‘तूतक तूतक तूतियां’ द्वारा और ऊंची मंजिलों की तरफ कदम बढ़ाए हैं।
फिल्म ‘तूतक तूतक तूतियां’ के बारे में सोनू ने कहा कि उनके पिता शक्ति सागर सूद का हमेशा से सपना था कि मैं बॉलीवुड में कुछ अलग और नया कर आगे जाऊं। उन्हीं के सपनों को साकार करने के लिए मैं प्रयत्नशील रहा। उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में उन्होंने पंजाबी के साथ-साथ साऊथ की फिल्मों में काम किया था और 20 साल परिश्रम के बाद उन्हें आखिरकार तीनों भाषाओं का ज्ञान हासिल हुआ है। सोनू ने इस बार मोगा में अपनी माता की बरसी पर कुष्ठ आश्रम के परिवारों को राशन वितरित किया। सोनू ने कहा कि जब उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए मायानगरी का सफर शुरू किया था तो उन्हें सही सलाह और सुझाव देने वाला कोई नहीं था, लेकिन जो समस्या शुरूआती दौर में मुझे पेश आई थी, अब वह समस्या अन्यों को न आए, इसलिए वह मोगा में जल्द ही माता-पिता की याद में एक एकिं्टग एकैडमी की शुरूआत करेंगे।
सोनू की बहन माल्विका सच्चर के साथ दोस्त शैली टक्कर, रीना और भावना बंसल द्वारा स्थापित किए आर.टी.पी. संस्था की महिलाओं को उन्होंने विशेष समय दिया। सोनू ने बताया कि आर.टी.पी. द्वारा करवाचौथ के उपलक्ष्य में एक विशेष समागम 19 अक्तूबर को करवाया जा रहा है, ताकि अपनी विरासत और सभ्यता को बरकरार रखा जा सके।