खोया, बर्फी, लड्डू, सरसों का तेल व पनीर के सैंपल भरे

Edited By bharti,Updated: 17 Oct, 2018 12:26 PM

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तंदुरुस्त पंजाब मिशन व त्यौहारी सीजन को देखते हुए विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर स्थानीय फूड ब्रांच के अधिकारियों....

मोगा (संदीप): तंदुरुस्त पंजाब मिशन व त्यौहारी सीजन को देखते हुए विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर स्थानीय फूड ब्रांच के अधिकारियों ने मंगलवार को भी खाने-पीने वाली दुकानों पर छापेमारी जारी रखी। यही नहीं सहायक फूड कमिश्नर हरप्रीत कौर व जिला फूड सेफ्टी अधिकारी अभिनव खोसला के नेतृत्व में शहर के कोटकपूरा बाईपास पर विशेष तौर पर नाका लगाकर एक जीप को रोककर लुधियाना के बने संदिग्ध देसी घी के सैंपल भी भरे। इसके साथ ही टीम द्वारा एक अन्य गाड़ी को रोककर मुज्झपर नगर के बने संदिग्ध गुड़ के भी सैंपल भरे।

टीम द्वारा जिले के गांवों में हलवाइयों व अन्य खाने-पीने वाली वस्तुओं की दुकानों पर चैकिंग की गई, जिस दौरान दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कई दुकानदार तो दहशत कारण अपनी दुकानों के शटर बंद करके चले गए। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को की गई इस कार्रवाई दौरान संदिग्ध खोया, बर्फी, लड्डू, फरीदकोट व लोकल बना सरसों का तेल, पनीर, संदिग्ध एडीबल ऑयल के सैंपल भरे गए हैं। इसके साथ ही टीम द्वारा एक हलवाई की दुकान पर खराब तथा न खाने योग्य रसगुल्ले के सैंपल लेने के साथ उनको मौके पर नष्ट भी करवाया गया। टीम ने गांव तखानवध, मैहना, दौधर व अन्य नजदीकी गांवों में छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि विभाग त्यौहारी सीजन को देखते हुए लोगों की सेहत प्रति पूरी तरह गंभीर है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को सख्त कानूनी व विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
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यदि सैंपल फेल हुआ तो हो सकती है सजा व भरना होगा जुर्माना : खोसला
जिला फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 रूल-2011 के अधीन यदि कोई भी दुकानदार मिलावटखोरी में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाती है। जानकारी देते जिला फूड सेफ्टी अफसर अभिनव खोसला ने बताया कि लिए गए सैंपलों में से विभागीय अनुसार यदि रिपोर्ट मिस लीडिंग की आती है तो ऐसे में जिम्मेदार दुकानदार को एक्ट के तहत 10 लाख रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। यदि रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड आती है यानी कि खाद्य पदार्थ को गलत मानकों के आधार पर स्टैंडर्ड पर बिना ध्यान रखे तैयार किया गया है तो ऐसे में दुकानदार को 5 लाख रुपए जुर्माने का भुगतान करना होगा। यदि सैंपल की रिपोर्ट मिस बरांडेड यानी वस्तु पैकिंग में है पर उसकी पैकिंग पर न तो बैच है, न ही उस पर उसके तैयार होने की तारीख है या एक्सपायरी है। ऐसे में उक्त दुकानदार को 3 लाख रुपए जुर्माना देना होगा। यदि लैब रिपोर्ट में लिए गए सैंपल की रिपोर्ट अन सेफ यानी खाने से सीधे तौर पर नुक्सान होने की पुष्टि होती है तो ऐसे में 3 साल, 5 साल, 10 साल व उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।

सी.जे.एम. या ए.डी.सी. का अदालत में चलाया जाता है मामला
फूड ब्रांच के अधिकारियों द्वारा विभागीय लैब की रिपोर्ट अनुसार केस तैयार कर व बरामद सामान को संबंधित अदालत में पेश कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की जाती है। इस पर अदालत द्वारा जिम्मेदार दुकानदार को इस रिपोर्ट के आधार पर बनती सजा का आदेश दिया जाता है।

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