Edited By Anjna,Updated: 21 May, 2018 12:22 PM
वर्ष 2011 में शुरू की 108 एम्बुलैंस सेवा आज जिले में जगह-जगह दम तोड़ती नजर आ रही है। कहीं मरीज के रिश्तेदार 108 एम्बुलैंस को धक्का लगाते हैं तो कहीं यह चलने से पहले ही खड़ी हो जाती है। कभी टायरों की खराबी तो कभी इंजन की खराबी आपातकालीन सेवाओं को...
मोगा (संदीप शर्मा): वर्ष 2011 में शुरू की 108 एम्बुलैंस सेवा आज जिले में जगह-जगह दम तोड़ती नजर आ रही है। कहीं मरीज के रिश्तेदार 108 एम्बुलैंस को धक्का लगाते हैं तो कहीं यह चलने से पहले ही खड़ी हो जाती है। कभी टायरों की खराबी तो कभी इंजन की खराबी आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित कर रही है। एक से दूसरे ब्लॉक में 108 एम्बुलैंस को शिफ्ट कर कंपनी कार्य को जैसे-तैसे चला रही है, लेकिन कहीं न कहीं इससे सेवाएं प्रभावित हो ही रही हैं।
पूरे राज्य भर में एक प्राइवेट कंपनी जकिटजा के साथ पंजाब सरकार का करार हुआ है। इसके चलते आज जिले में विभिन्न ब्लॉकों में 9 एम्बुलैंस सेवाएं दे रही हैं। गौर हो कि मार्च-2011 से जिले में 5 एम्बुलैंस के साथ एमरजैंसी सेवाएं शुरू की गई थीं, जिसके 6 महीने बाद कंपनी की ओर से 4 नई एम्बुलैंस और भेजी गई थीं।
ऑक्सीजन के सिवाय कुछ नहीं
एम्बुलैंस 108 में ऑक्सीजन के सिवाय कुछ नहीं है। हालांकि हर 108 में 31 प्रकार की जैनेरिक दवाएं, 21 तरह के एमरजैंसी औजार, 2 ऑक्सीजन सिलैंडर, 3 स्ट्रैचर होने जरूरी हैं। इन सभी चीजों की निगरानी नैशनल रूरल हैल्थ मिशन (एन.आर.एच.एम.) करता है।