बिट्टू के सामने किया था फ्लैट लेने से इंकार, अब कब्जाधारियों को नोटिस भेजेगा निगम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Apr, 2018 12:56 PM

the corporation will send notice to the occupiers

जगराओं पुल के अनसेफ हिस्से को दोबारा बनाने के रास्ते में आड़े आ रहे कब्जों को हटाने के लिए नगर निगम ने सख्त रुख अख्तयार करने का फैसला किया है। इसके तहत पुल के किनारे बने मकानों में रह रहे जिन लोगों ने एम.पी. रवनीत बिट्टू के सामने फ्लैटों में शिफ्ट...

लुधियाना (हितेश): जगराओं पुल के अनसेफ हिस्से को दोबारा बनाने के रास्ते में आड़े आ रहे कब्जों को हटाने के लिए नगर निगम ने सख्त रुख अख्तयार करने का फैसला किया है। इसके तहत पुल के किनारे बने मकानों में रह रहे जिन लोगों ने एम.पी. रवनीत बिट्टू के सामने फ्लैटों में शिफ्ट होने के लिए सहमति देने से इंकार कर दिया था, उन्हें वहां से हटाने के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। 

इस मामले में रेलवे ने भारत नगर चौक साइड जाने वाले जगराओं पुल के हिस्से को जुलाई 2016 में अनसेफ डिक्लेयर करके बंद कर दिया था। इसके ठीक एक साल बाद राज्य सरकार द्वारा पुल को दोबारा बनाने के लिए 24.30 करोड़ रिलीज किए गए। अब रेलवे द्वारा कंपनी को वर्क आर्डर जारी किए कई महीने बीत गए हैं, लेकिन पुराने पुल को तोडऩे का काम ही शुरू नहीं हो पाया। इसके लिए पहले पुल के किनारे हुए कब्जों को हटाने की मांग की जा रही है, क्योंकि यह जगह नए बनने वाले पुल की चौड़ाई बढ़ाने के लिए जरूरी है। जहां तक इन कब्जों को हटाने का सवाल है, उसके लिए पहले रेलवे, नगर निगम व नैशनल हाईवे अथारिटी द्वारा एक-दूसरे के पाले में गेंद डाली जाती रही।अब यह साफ हो चुका है कि रेलवे की जगह पर कब्जे हुए हैं और नगर निगम व नैशनल हाईवे अथारिटी द्वारा उन कब्जों को हटाने में मदद की जाएगी। लेकिन फिर पेंच उन कब्जों को हटाने के बाद वहां रह रहे परिवारों के पुनर्वास को लेकर फंस गया, क्योंकि नगर निगम ने रेलवे की जगह से कब्जे हटाने के बदले अपने फ्लैट देने पर ऐतराज लगा दिया था।

यह मामला बिट्टू की डी.सी. के साथ हुई बैठक में उठा तो यह फैसला हुआ था कि सरकारी जगह पर हुए कब्जों के रूप में मकान बनाकर रह रहे परिवारों को नगर निगम के फ्लैटों में शिफ्ट कर दिया जाए। जिसके लिए पहले इन परिवारों से लिखित में सहमति लेने का प्रस्ताव बनाया गया। उसके तहत 97 में से 70 परिवारों ने इलाका पार्षद को फ्लैटों में शिफ्ट होने की सहमति दे दी थी। उस प्रक्रिया को फाइनल करने के उद्देश्य से 12 अप्रैल को सुबह बिट्टू मौके पर फ्लैटों के अलाटमैंट लैटर लेकर पहुंचे तो लोगों ने इकट्ठे होकर उन्हें हटाने का विरोध शुरू कर दिया। लोगों ने यह कहकर ऐतराज जताया कि वो कई दशकों से यहां रह रहे हैं और उनको हटाने के बदले जो फ्लैट दिए जा रहे हैं, उनकी जगह काफी क म होने के कारण उनके परिवारों का नई जगह में एडजस्ट होना मुश्किल है। इसलिए उनको प्लाट या परिवार के हिसाब से एक से ज्यादा फ्लैट दिए जाएं। हालांकि बिट्टू व मेयर ने उन लोगों को शिफ्ट करने के लिए फ्लैट अलाट करने की जानकारी देते हुए लागत का हिस्सा देने के लिए लोन दिलवाने में मदद करने का विश्वास भी दिलाया। लेकिन लोग नहीं माने। इस चक्कर में पुल के अनसेफ हिस्से को तोडऩे का काम लेट होता जा रहा है और एक रास्ते से ही दोनों तरफ के वाहन निकालने के कारण टै्रफिक की समस्या भी गंभीर हो गई है। उसके मद्देनजर नगर निगम ने फैसला किया है कि इन कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए जाएं। उसके बाद अगर लोगों ने फ्लैटों में शिफ्ट होने की सहमति दे दी तो ठीक, वर्ना उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी। जिस पुष्टि ए.टी.पी. प्रदीप सहगल ने की है।

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