Edited By swetha,Updated: 27 Nov, 2018 09:03 AM
सरकार द्वारा अध्यापकों की मांगों का समाधान न करने और मीटिंग के लिए समय देकर मुकरने के विरोध में सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब भड़क गया है। मोर्चे के आह्वान पर जिला लुधियाना इकाई ने डी.सी. कार्यालय के समक्ष रोष धरना लगाने के उपरांत भारत नगर चौक में...
लुधियाना(विक्की): सरकार द्वारा अध्यापकों की मांगों का समाधान न करने और मीटिंग के लिए समय देकर मुकरने के विरोध में सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब भड़क गया है। मोर्चे के आह्वान पर जिला लुधियाना इकाई ने डी.सी. कार्यालय के समक्ष रोष धरना लगाने के उपरांत भारत नगर चौक में चक्का जामकर पंजाब सरकार व शिक्षा मंत्री का अर्थी फूंककर जमकर नारेबाजी की। वर्णनीय है कि अध्यापकों ने अपनी मांगों के ठोस समाधान के लिए सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के बैनर तले 7 अक्तूबर से पटियाला में पक्का मोर्चा लगाया हुआ है।
भारत नगर चौक में मोर्चे के नेताओं ने कहा कि सरकार और विभाग पूरी तरह लाचार हुए बैठे हैं, इसलिए एस.एस.ए./रमसा/मॉडल/आदर्श स्कूलों के अध्यापकों से गैर-संवैधानिक क्लिक करवाने के लिए पूरी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, परन्तु सरकार और विभाग को हर बार मुंह की खानी पड़ रही है। अध्यापक उनकी चालों में आने की बजाय सांझा अध्यापक मोर्चो में पूर्ण विश्वास प्रकट करते हुए 2 दिसम्बर की तैयारी मुहिम में डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के हर अन्याय का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा और सभी मांगों की प्राप्ति तक संघर्ष लगातार जारी जाएगा।
उन्होंने कहा कि 2 दिसम्बर पटियाला पूर्ण चक्का जाम के लिए बड़े स्तर पर मुहिम चलाकर अध्यापकों, माता-पिता और अन्य वर्गों की लामबंदी की जा रही है। सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब द्वारा किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों, विद्यार्थी जत्थेबंदियां, इंसाफ पसंद लोगों और बच्चों के माता-पिता को साथ लेकर 2 दिसम्बर पटियाला में पूर्ण चक्का जाम किया जाएगा। उनकी जायज मांगों में 8886 अध्यापकों की 65 - 75 प्रतिशत तक की हुई वेतन कटौती वापस लेकर पूरे वेतन सहित शिक्षा विभाग में रैगुलर करवाने, 5178 अध्यापकों को नवम्बर 2017 से पूरे ग्रेड में रैगुलर करवाने, ई.जी.एस./ ए.आई.ई./ एस.टी.आर. वालंटियर कैटिगरियों के लिए रैगुलर की पॉलिसी तैयार करने, संघर्ष के दौरान हुई विकटेमाइज़ेश रद्द करवाने, पढ़ो पंजाब जैसे सिलेबस से एक तरफ हटकर चल रहे प्रॉजैक्ट को बंद करवाने, डी.ए. की लंबित कि़स्तों को जारी करवाने, पुरानी पैंशन स्कीम लागू करवाने, रैशनेलाइजेशन और तबादले की नीति तर्कसंगत करवाने आदि शामिल हैं, की पूर्ति तक उनका संघर्ष यथावत जारी रहेगा।