Edited By Vatika,Updated: 19 Oct, 2018 09:44 AM
65 से 75 फीसदी तक तनख्वाह में कटौती, अध्यापक नेताओं को सस्पैंड करने, रैगुलराइजेशन के नाम पर धोखा देने वाला नोटिफिकेशन करने, अध्यापकों की जब्री ट्रांसफर करने के अलावा एस.एस.ए./ रमसा/मॉडल/ आदर्श अध्यापकों को कम तनख्वाह पर काम करने हेतु मजबूर करने और...
लुधियाना (सलूजा): 65 से 75 फीसदी तक तनख्वाह में कटौती, अध्यापक नेताओं को सस्पैंड करने, रैगुलराइजेशन के नाम पर धोखा देने वाला नोटिफिकेशन करने, अध्यापकों की जब्री ट्रांसफर करने के अलावा एस.एस.ए./ रमसा/मॉडल/ आदर्श अध्यापकों को कम तनख्वाह पर काम करने हेतु मजबूर करने और 5178 अध्यापकों को नवंबर 2017 की जगह अप्रैल 2019 से रैगुलर करने संबंधी शिक्षा मंत्री के बयान के विरोध में आज सांझा अध्यापक मोर्चा की अगुवाई में अध्यापकों ने अपने छोटे बच्चों के साथ चत्तर पार्क से लेकर भारत नगर तक सरकार विरोधी नारों के बीच रोष मार्च किया।
वहां चक्का जाम करने के बाद अध्यापकों ने बदी पर नेकी की जीत दर्शाता पंजाब सरकार का ‘दशहरा’ फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी अध्यापकों ने रोष जताते हुए बताया कि पूरी तनख्वाह समेत शिक्षा विभाग में रैगुलर होने ही जंग के साथ यह जंग गरीब परिवारों के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल व शिक्षा बचाने को लेकर भी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की इस नीति से समूह अध्यापकों के परिवार, किसान, मजदूर, अध्यापक वर्ग और कुल समाज सरकार से खफा है।
अध्यापक नेताओं ने कहा कि वह अपने बच्चों के भविष्य व परिवारों की भलाई के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे और पूरी तनख्वाह समेत शिक्षा विभाग में रैगुलर होकर ही दम लेंगे। शिक्षित वर्ग व उनके परिवारों का गला दबाने वाली सरकार व मंत्री आने वाले लोकसभा चुनाव में तीखे विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे।