स्मार्ट सिटी बना ड्रीम सिटी : इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी बन रही विकास में रुकावट

Edited By Vatika,Updated: 18 Dec, 2018 04:49 PM

smart city ludhiana

मासिक करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाली ओद्योगिक नगरी के लिए स्मार्ट सिटी एक ड्रीम सिटी ही बनकर रह गया है। इंडस्ट्री विशेषज्ञों की मानें तो फोकल प्वाइंट व इंडस्ट्रीयल क्षेत्रों की दयनीय होती हालत उद्यमियों का मनोबल भी कमजोर कर रही हैं।

लुधियाना: मासिक करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाली ओद्योगिक नगरी के लिए स्मार्ट सिटी एक ड्रीम सिटी ही बनकर रह गया है। इंडस्ट्री विशेषज्ञों की मानें तो फोकल प्वाइंट व इंडस्ट्रीयल क्षेत्रों की दयनीय होती हालत उद्यमियों का मनोबल भी कमजोर कर रही हैं। इसका मुख्य कारण खस्ता हाल सड़कें, बदहाल जिंदगी व असुरक्षित माहौल में कार्यरत हाईटैक ओद्योगिक इकाईयों के अंदर और बाहर के वातावरण में स्वर्ग व नर्क जैसा अंतर होना है। विशेषज्ञों के अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर की रिपेयर व विकास हेतु 500 करोड़ की जगह घोषित 32 करोड़ ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर की बदहाली से अन्तर्राष्ट्रीय व कार्पोरेट ग्राहकों के समक्ष शर्मसार हो रहे इंडस्ट्री प्रतिनिधियों का ड्रीम सिटी के लिए कुछ ऐसा दृष्टिकोण है।

जब उच्चाधिकारी की गाड़ी गिरी गड्ढे में
ओद्योगिक गलियारे में चर्चा जोरों पर है कि फोकल प्वाइंटों की दुर्दशा के मद्देनजर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के निर्देशानुसार गत दिनों इलाके का दौरा करने पहुंची पंजाब स्टेट इंडस्ट्रीयल डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन (पी.एस.आई.डी.सी.) के अधिकारियों व स्थानीय निकाय की टीम को उस समय काफी परेशानी झेलनी पड़ी, जब हल्के अंधेरे व स्ट्रीट लाइट के अभाव में एक उच्चाधिकारी की गाड़ी गहरे गड्ढे में जा गिरी। हालांकि इसमें किसी को चोट नहीं आई, परंतु गाड़ी का काफी नुकसान हुआ। इसके बाद दौरे को आधे में ही छोड़ अधिकारी वापस लौट गए।

उद्योगिक क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार सीवरेज नहीं 
इंजीनियरिंग एक्सपोटर्स एसोसिएशन आफ  इंडिया के प्रधान राजिंद्र जिंदल ने कहा कि ओद्योगिक इकाईयों में पानी की निकासी हेतु बड़े सीवरेज पाइपों की आवश्यकता है। परंतु अनियमित ढंग से विकसित इन फोकल प्वाइंट इलाकों में केवल 6 इंच के सीवरेज पाइप होने के कारण लगभग 80 प्रतिशत सीवरेज हर समय जाम व ओवरफ्लो रहते हैं।  

लेबर शार्टेज की वजह बनी गंदगी
ढंडारी इंडस्ट्रीयल वैलफेयर एसोसिएशन के प्रवक्ता तेजविंद्र सिंह बिगबैन ने बताया कि सड़कों पर मौजूद सीवरेज के गंदे पानी से ज्यादातर मजदूर बीमारियों से ग्रस्त रहने लगे हैं। वर्तमान समय में 70 प्रतिशत फैक्ट्रियों की एक तिहाई लेबर बीमार होने से लेबर शॉर्टेज की समस्या गहराई हुई है। 

फोकल प्वाइंटों में कार्य से गुरेज कर रही हैं महिलाएं
यू.सी.पी.एम. के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार ने ओद्योगिक इकाईयों में महिलाओं को प्राथमिकता तो दिलवाई, परंतु इन क्षेत्रों की दयनीय हालत व गंदगी की वजह से महिलाएं फोकल प्वाइंटों में कार्य करने को तैयार नहीं हैं। 

हैवी व्हीकल्स ट्रांसपोर्टेशन के अनुकूल नहीं है इंफ्रास्ट्रक्चर
फोकल प्वाइंट फेस-8 के प्रवक्ता विजय मेहतानी ने कहा कि ओद्योगिक व इंडस्ट्रीयल क्षेत्रों में ज्यादातर आवाजाही हैवी कंटेनर एवं बड़ी गाडिय़ों की होने के कारण सड़कों को योजनाबद्ध ढंग से बनाए जाने की जरूरत है। 

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