Edited By Vatika,Updated: 17 Mar, 2020 12:35 PM
लोकतंत्र बहाल रखने के लिए लोग अपने उम्मीदवार को कीमती वोटें देकर विधान सभा या लोक सभा में भेजते हैं।
मुल्लांपुर दाखा(कालिया): लोकतंत्र बहाल रखने के लिए लोग अपने उम्मीदवार को कीमती वोटें देकर विधान सभा या लोक सभा में भेजते हैं। इसी कड़ी के तहत उनकी समस्याओं को हल करने के लिए विधान सभा में आवाज बुलंद करने हेतु नवजोत सिंह सिद्धू हाल ही में चले विधान सभा सैशन में 9 दिन दौरान एक दिन भी हाजिरी भरने नहीं गए परन्तु यू ट्यूब पर चैनल बनाकर दिल की बातों को सांझा करने का फैसला लिया है।
क्या ऐसा करने से लोगों की सेवा होगी, जिन्होंने उन्हें नेता बनाया। क्या वह बुनियादी सहूलियतें प्राप्त करने के लिए यू-ट्यूब चैनल पर अपना हक प्राप्त कर सकेंगे? इन सवालों को उठाते हुए हास्य कलाकार, लोक सभा और विधान सभा मतदान लड़ चुके जय प्रकाश जैन टीटू बनिआ ने नवजोत सिद्धू की तरफ से बनाए गए यू-ट्यूब चैनल पर वीडियो वायरल करके सिद्धू को नसीहत देते हुए कहा कि उनकी नाराजगी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री पंजाब के साथ होगी न कि आम लोगों के साथ।
उन्होंने कहा कि यदि उनमें सेवा करने का जुनून है तो वह यू-ट्यूब चैनल को त्याग कर लोगों की कचहरी में खड़े हों न कि चैनल बनाकर दिल की भड़ास निकालने और पैसा कमाने के लिए इसका सहारा लें। टीटू बनिआ ने डी.एस.पी. बलविन्दर सिंह सेखों और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु विवाद पर भी नवजोत सिद्धू की तरफ से चुप्पी न तोडऩे पर कहा कि सिद्धू के मार्क किए पत्र के साथ डी.एस.पी. सेखों बली का बकरा बना परन्तु सिद्धू ने मौन रहकर केवल तमाशा देखने का काम ही किया। क्या सिद्धू अब यू-ट्यूब चैनल जरिए स‘चा कौन और झूठा कौन दिखाएंगे या चैनल अपनी शायरी के लिए ही चलाएंगे?