मंत्रिमंडल विस्तार के इंतजार में लेजीस्लेटिव असिस्टैंट बनने की दौड़ में लगे विधायक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Apr, 2018 03:26 PM

punjab cabinet expansion

पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने से 1 वर्ष से ज्यादा समय बीतने के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार की अब तक कोई स्पष्ट खबर नहीं है। इस दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा संसदीय सचिव की जगह लेजीस्लेटिव असिस्टैंट बनाने का ऐलान करते ही यह पद हथियाने के लिए...

लुधियाना(हितेश): पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने से 1 वर्ष से ज्यादा समय बीतने के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार की अब तक कोई स्पष्ट खबर नहीं है। इस दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा संसदीय सचिव की जगह लेजीस्लेटिव असिस्टैंट बनाने का ऐलान करते ही यह पद हथियाने के लिए विधायकों में दौड़ तेज हो गई है।

यहां बताना उचित होगा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के पास पूर्ण बहुमत है लेकिन फिर भी अब तक पूरे मंत्री नहीं बनाए गए, जिसके लिए कभी चुनाव और कभी राहुल गांधी के साथ मीटिंग न होने का बहाना बनाया गया, जबकि इसकी असली वजह यह है कि मंत्री बनने के दावेदार सीनियर विधायकों की संख्या काफी ज्यादा है और उसके मुकाबले मंत्री पद कम हैं, जिनमें से कैप्टन अपने करीबी विधायकों को मंत्री बनवाना चाहते हैं। राहुल गांधी अपने कैंप के लोगों को एडजस्ट करना चाहते हैं जिस कारण कई बार एन वक्त पर मंत्रिमंडल विस्तार पैंडिंग हो चुका है।अगर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कैप्टन द्वारा दी गई आखिरी डैडलाइन की बात करें नगर निगम चुनाव के बाद नए मंत्री बनाने की बात कही गई थी, जो काम खत्म हुए 2 माह बीत चुके हैं जिसके बाद कांग्रेस का अधिवेशन भी हो चुका है और फिर राहुल गांधी के कर्नाटक चुनाव में व्यस्त होने के कारण मंत्रिमंडल विस्तार बारे चर्चा नहीं हो पाई है। 

अब इस काम के लिए कैप्टन ने 19 अप्रैल को मीटिंग होने की बात मीडिया में कही है। अगर उस दिन कुछ फाइनल हुआ तो 2-3 दिन में शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की आस भी जताई गई है। यदि फिर से मीटिंग न हुई तो कैप्टन का विदेश जाने का प्रोग्राम है और फिर कर्नाटक चुनाव तक पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार लटक सकता है।इसी बीच कैप्टन अमरेंद्र ने मंत्रियों के साथ लेजीस्लेटिव असिस्टैंट बनाने का ऐलान कर दिया है, जिसे संसदीय सचिव लगाने के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पहले मंत्री न बन पाने वालों को एडजस्ट करने के लिए संसदीय सचिव बनाने की रूपरेखा तैयार की गई थी लेकिन कोर्ट के फैसले के चलते संसदीय सचिव बनने वालों के सपनों पर पानी फिर गया। अब मंत्री बनने के दावेदार को एडजस्ट करने के लिए जो लेजीस्टेटीव असिस्टैंट लगाने का फार्मूला निकाला गया है। इसके बाद से कई विधायक एकदम सक्रिय हो गए हैं जिनके मुताबिक मंत्रिमंडल का विस्तार हो न हो, उनको मौजूदा मंत्रियों के साथ ही लगा दिया जाए।

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