Edited By Vatika,Updated: 29 May, 2018 11:47 AM
मोदी सरकार द्वारा पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में रोजाना फेरबदल करने की योजना को हरी झंडी दिखाने के बाद मात्र 11 महीनों में ही तेल कम्पनियों ने डीजल-पैट्रोल की कीमतों में करीब 15 रुपए प्रति लीटर का बड़ा उछाल है। इसका भविष्य के दिनों में भी थमने का...
लुधियाना(खुराना): मोदी सरकार द्वारा पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में रोजाना फेरबदल करने की योजना को हरी झंडी दिखाने के बाद मात्र 11 महीनों में ही तेल कम्पनियों ने डीजल-पैट्रोल की कीमतों में करीब 15 रुपए प्रति लीटर का बड़ा उछाल है। इसका भविष्य के दिनों में भी थमने का कोई अनुमान दिखाई नहीं दे रहा है।
यहां बताना अनिवार्य होगा कि केंद्र सरकार व तेल कम्पनियों के सांझा आदेशों पर उक्त योजना को विगत 16 जून, 2017 को जमीन पर उतारा गया है, जिससे पैट्रोलियम मंत्रालय द्वारा देश की जनता को विश्वास मेें लेते हुए भरोसा दिया गया था कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की रोजाना तय होने वाली कीमतों के आधार पर जनता को पैट्रोल-डीजल की आग उगलती कीमतों से बड़ी राहत मिलना लाजिमी होगा और तेल की कीमतों के रोजाना आंकड़े तय होने के कारण उन्हें पहले से कम कीमत अदा करनी पड़ सकती है, जबकि अब इसके बिल्कुल विपरीत नतीजे पूरे देश के सामने हैं।
ऐसा इसलिए कहना भी जरूरी होगा कि जब सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी तब पैट्रोल की एवरेज कीमत 70 रुपए व डीजल की 54.95 रुपए के करीब रिकार्ड की गई थी, जो अब बढ़कर क्रमवार 83.82 रुपए व 69.31 रुपए प्रति लीटर का आंकड़ा छूने लगी है, जिसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पडऩा तय है। लोग बढ़ रही महंगाई के कारण त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, जिसे लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ जनता के आक्रोश बढ़ता जा रहा है और जनता सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रही है।