सिद्धू ने नहीं मानी मेयर की सिफारिश, ATP विजय को होना पड़ेगा रिलीव

Edited By Vatika,Updated: 07 Dec, 2018 10:09 AM

navjot singh sidhu

अवैध बिल्डिंगों के खिलाफ  कार्रवाई न करने बारे शिकायतें मिलने पर लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा जिस ए.टी.पी. विजय कुमार की ट्रांसफर अमृतसर में की गई है, उसके हक में मेयर द्वारा की गई सिफारिश को सरकार ने रद्द कर दिया है, जिसके चलते नगर...

लुधियाना(हितेश): अवैध बिल्डिंगों के खिलाफ  कार्रवाई न करने बारे शिकायतें मिलने पर लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा जिस ए.टी.पी. विजय कुमार की ट्रांसफर अमृतसर में की गई है, उसके हक में मेयर द्वारा की गई सिफारिश को सरकार ने रद्द कर दिया है, जिसके चलते नगर निगम अधिकारियों को अब जोन-डी के इस ए.टी.पी. को रिलीव करना पड़ सकता है।

इस मामले में जोन-डी के एरिया में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर सिद्धू के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं। इनमें ज्यादातर कमर्शियल निर्माण रिहायशी इलाकों व टी.पी. स्कीम में होने के कारण नॉन कंपाऊंडेबल कैटागरी में आते हैं, लेकिन नगर निगम द्वारा उन बिल्डिंगों के खिलाफ  तोडऩे की कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही कंपाऊंडेबल कैटागरी की बिल्डिंगों के चालान डालकर जुर्माना लगाया गया। यह सारा गौरखधंधा बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हो रहा है, जिसके लिए जिम्मेदार ए.टी.पी. विजय कुमार की ट्रांसफर सिद्धू द्वारा पिछले दिनों अमृतसर में कर दी गई थी, लेकिन ए.टी.पी. ने अब तक चार्ज नहीं छोड़ा और न ही निगम अधिकारियों ने उसे रिलीव किया। यहां तक कि मेयर भी इस ए.टी.पी. के हक में उतर आए और स्टाफ  की कमी का हवाला देते हुए उसकी ट्रांसफर रोकने की सिफारिश सरकार को भेज दी, लेकिन सिद्धू ने मेयर की सिफारिश मानने से इंकार कर दिया है और गत दिवस जारी किए गए ऑर्डर में विजय कुमार की जगह लुधियाना भेजे गए अमृतसर के ए.टी.पी. लखबीर सिंह की ट्रांसफर रद्द की गई है।

हाईकोर्ट के ऑर्डर का भी नहीं हुआ कोई असर 
जोन-डी के अधीन आते इलाके में अवैध रूप से बने काम्पलैक्स, होटल व हॉस्पिटल का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है, जिन अवैध बिल्डिंगों को तोडऩे या सील करने के मामले में पिक एंड चूज पॉलिसी अपनाई गई है, जिसे लेकर कोर्ट द्वारा साफ  किया जा चुका है कि वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी का नोटिफीकैशन जारी होने से पहले उसके नाम पर किसी अवैध बिल्डिंगों को कारवाई से छूट नहीं दी जा सकती, लेकिन जोन डी की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों पर इस बात का कोई असर नहीं पड़ा है।


सील की बिल्डिंगों में कैसे खुल गए शोरूम
अगर जोन-डी की बिल्डिंग ब्रांच की वर्किंग पर नजर डाली जाए तो पिछले समय के दौरान कई बिल्डिंगों के खिलाफ  सीङ्क्षलग की कार्रवाई की गई है। इनमें मल्हार रोड, सराभा नगर, पकख़ोवाल रोड, मॉडल टाऊन, बी.आर.एस. नगर, गुरदेव नगर, घुमार मंडी, हंबड़ा रोड, महाराज नगर, माल रोड, रानी झांसी रोड, फीरोजपुर रोड, हैबोवाल, सिविल लाइंस, दनडी स्वामी रोड, समीट्री रोड, बस स्टैंड रोड, जवाहर नगर कैंप की कई बिल्डिंग शामिल हैं, लेकिन नॉन कंपाऊंडेबल कैटागरी की होने के बावजूद अब इन बिल्डिंगों में शोरूम खुल चुके हैं।


निगम को फीस मिले या न मिले, अधिकारियों की गर्म हो रही जेबें
जोन-डी के अधीन आते इलाके में हो रहे अवैध निर्माणों से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि ज्यादातर बिल्डिंगों को वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी के नाम पर बनवाया जा रहा है, जिन लोगों पर कार्रवाई न करने के लिए वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी के मुताबिक फीस जमा करवाने की अंडरटेकिंग ली जा रही है, वो भी उस समय जब सिद्धू द्वारा पॉलिसी में सिर्फ  मार्च से पहले बनी बिल्डिंगों को रैगुलर करने का फैसला किया गया है। उसमें यह बात साफ  हो गई है कि वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी के तहत नगर निगम को फीस मिले या न मिले, बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की जेबें अभी से भर गई हैं।

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