नगर निगम अधिकारियों को नहीं सिद्धू के ऑर्डर की परवाह

Edited By Vatika,Updated: 21 Aug, 2018 11:01 AM

navjot singh sidhu

नगर निगम में घोटालों को अंजाम देने वाले अधिकारियों को लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के ऑर्डर की कितनी परवाह है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्मार्ट मार्कीट के नाम पर धांधली सामने आने के बाद सरकार द्वारा लिए गए एग्रीमैंट रद्द...

लुधियाना (हितेश): नगर निगम में घोटालों को अंजाम देने वाले अधिकारियों को लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के ऑर्डर की कितनी परवाह है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्मार्ट मार्कीट के नाम पर धांधली सामने आने के बाद सरकार द्वारा लिए गए एग्रीमैंट रद्द करने के फैसले को लागू करने की बजाय एफ  एंड सी.सी. की मंजूरी के इंतजार में नोटिस जारी करने की फाइल कई माह से पैंडिंग रखी हुई है।

इस मामले में नगर निगम अधिकारियों ने एक ऐसी कंपनी के प्रस्ताव पर स्मार्ट मार्कीट बनाने की योजना को मंजूरी दे दी, जिसके पास इस बारे में कोई अनुभव ही नहीं था। इस प्रोजैक्ट के लिए जोन-डी ऑफिस सराभा नगर की बैक साइड पर नहर के किनारे पड़ी उस जगह को चुना गया, जिसकी मलकियत सिंचाई विभाग के पास है। इसके बावजूद नगर निगम अधिकारियों ने सिंचाई विभाग से एन.ओ.सी. लेने का झूठ बोल कर एफ  एंड सी.सी. से प्रोजैक्ट अलॉट करने का प्रस्ताव पास करवा लिया। इस संबंधी किए गए एग्रीमैंट में सैंकड़ों दुकानें व हाल बनाने के अलावा अलॉटमैंट की प्रक्रिया व किराया फिक्स करने के अधिकार भी कंपनी को दे दिए गए।

यह खुलासा सिंचाई विभाग द्वारा अपनी जमीन पर बिना किसी मंजूरी के शुरू हुए निर्माण को बंद करवाने के लिए पुलिस को शिकायत करने पर हुआ। इस बारे में सूचना मिलने पर सिद्धू ने चीफ  विजीलैंस ऑफिसर को जांच के आदेश दिए जिन्होंने साइट विजिट करने के अलावा नगर निगम के रिकॉर्ड की चैकिंग की। उसके बाद चीफ  विजीलैंस ऑफिसर की रिपोर्ट के आधार पर सिद्धू ने स्मार्ट मार्कीट के लिए नगर निगम द्वारा किया गया एग्रीमैंट रद्द करने के आदेश दिए। जहां तक इन आदेशों का पालन करने का सवाल है उसकी जगह नगर निगम अधिकारियों ने पहले कंपनी को नोटिस जारी करने की बात कही गई, लेकिन यह फाइल भी कई माह से एफ  एंड सी.सी. की मंजूरी के इंतजार में पैंङ्क्षडग पड़ी है जिसकी पुष्टि सुपरिंटैंडैंट चरणजीत सिंह ने की है। 

अधिकारियों पर कार्रवाई का पहलू भी गया खटाई में
इस मामले में सरकार ने उन अधिकारियों की डिटेल भी मांगी हुई है जिन्होंने प्रोजैक्ट के लिए एजैंडा बनाने से एग्रीमैंट करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया था। बताया जाता है कि नगर निगम द्वारा इस बारे में रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है लेकिन अधिकारियों पर कार्रवाई करने का पहलू भी कंपनी को नोटिस जारी करने की तरह खटाई में पड़ गया है।

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