Edited By Vaneet,Updated: 25 Apr, 2019 06:06 PM
बुधवार शाम को आई अचानक बारिश के कारण एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में मार्कीट समिति के दावों की उस समय पोल खुल गई ....
खन्ना(कमल): बुधवार शाम को आई अचानक बारिश के कारण एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में मार्कीट समिति के दावों की उस समय पोल खुल गई जब मेन मंडी और राहोण यार्ड में बारिश के कारण गेहूं खुले आसमान में पड़ी रही और भीग गई, गेहूं की बोरियां ढकने के लिए तिरपालें भी पूरी नहीं पड़ सकीं और कई स्थानों पर तिरपालें भी फटीं हुई थीं, जिस कारण नीचे पड़ी गेहूं भीगने से बच नहीं सकती। जिस कारण मार्कीट समिति के बारिश कारण आने वाली आफत के साथ निपटने के लिए किए गए प्रबंध भी अपर्याप्त दिखाई दिए।
इस दौरान यह भी सामने आया कि बारिश आने के बाद काफी देर तक फसल भीगती रही, जब तक मंडी बोर्ड के कर्मचारी फसल को ढकते, तब तक काफी सारी फसल भीग चुकी थी। गनीमत यह रही कि बारिश थोड़ी ही पड़ी, यदि बारिश ज्यादा तेज होती तो किसानों की फसल का नुक्सान काफी हो सकता था इसलिए चाहे कि गलती अधिकारियों की ही है, परंतु इसका खाम्याजा भी बेबस किसानों को ही भुगतना पड़ेगा।
इस दौरान मार्कीट समिति के सचिव दलविन्दर सिंह ने कहा कि मंडी में आई गेहूं की फसल को भीगने से बचा लिया गया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजे नेकिसानों के लिए 40 हजार रुपए प्रति एकड़ के मुआवजे की मांग करते कहा कि सरकारी 8 हजार रुपए प्रति एकड़ के मुआवजे के साथ किसान का कुछ नहीं बनता। उन्होंने कहा कि जिस किसान की 50 हजार रुपए प्रति एकड़ की पक्की फसल पलों में आंखों के सामने तबाह हो जाए, उसको सरकार के छोटे-मोटे मुआवजे से संतुष्टि नहीं मिलती। सरकार को ऐसे समय में किसानों के लिए आगे आना चाहिए।