Edited By Vatika,Updated: 26 Oct, 2018 12:36 PM
बस्ती जोधेवाल के कैलाश नगर की शिमला कालोनी में रंजिश के चलते एक युवक पर अंधाधुंध फायरिंग करके उसे जख्मी कर दिया। प्रीतपाल सिंह घुग्गा को लहुलुहान अवस्था में इलाज के लिए दयानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लुधियाना (महेश): बस्ती जोधेवाल के कैलाश नगर की शिमला कालोनी में रंजिश के चलते एक युवक पर अंधाधुंध फायरिंग करके उसे जख्मी कर दिया। प्रीतपाल सिंह घुग्गा को लहुलुहान अवस्था में इलाज के लिए दयानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
घटना शाम करीब 9 बजे की है, जब 18 वर्षीय प्रीतपाल अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था। तभी अचानक गोलियां चलने की आवाज से इलाका गूंज उठा। जब आस पड़ोस के लोग अपने घरों से बाहर निकले तो प्रीतपाल जख्मी हालत में पड़ा था, जिसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। उधर, घटना की सूचना मिलने पर असिस्टैंट सी.पी. लखबीर सिंह टिवाणा, असिस्टैंट सी.पी. वरियाम सिंह, बस्ती जोधेवाल थाना प्रभारी माधुरी शर्मा, सलेम टाबरी प्रभारी इंस्पैक्टर विजय सिंह, सुंदरनगर थाना प्रभारी इंस्पैक्टर राजवंत सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस को घटनास्थल से 32 बोर की पिस्तौल का एक खोल मिला है, जबकि लोगों का कहना है कि अपराधियों ने 5 फायर किए, जिनमें 3 गोलियां घुग्गा को लगी। टिवाणा का कहना है कि शुरूआती जांच में मामला आपसी रंजिश का है। नीरज, विक्की व उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ हत्या का प्रयास व आर्म एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा रहा है।
मोटरसाइकिल पर भागते हुए देखे अपराधी
प्रीतपाल की माता संतोष का कहना है कि घटना के वक्त घर पर अपनी बेटी के साथ थी। उसका पति हरविंद्र सिंह डेयरी पर गया हुआ था। उनका दूध का कारोबार है और गांव बाजड़ा में उनकी डेयरी है। तब घुग्गा घर के बाहर अपने कुछ दोस्तों के साथ खड़ा था। तभी उसने गोलियां चलने की आवाज सुनीं। वह दौड़ कर बाहर आई तो प्रीतपाल पेट पकड़े हुए था और उसके खून बह रहा था। उसने मोटरसाइकिल पर विक्की व नीरज को भागते हुए देखा और उनके पास पिस्तौल भी था। इस बीच आस पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए। इलाके के लोगों ने बताया कि प्रीतपाल का आरोपियों के साथ कुछ दिन पहले भी झगड़ा हुआ था।
पहले बहस की फिर गोलियां दागी
प्रीतपाल के दोस्त और चश्मद्दीन गवाह रोहित का कहना है कि वह और प्रीतपाल शाम को घर के बाहर खड़े थे। तभी मोटरसाइकिल पर विक्की और नीरज उनके पास आए। थोड़ी देर बाद उनका तीसरा साथी भी आ गया, जिसने आते ही प्रीतपाल को धमकाना शुरू कर दिया कि उसकी हवा बहुत खराब हो गई। आज उसे ठीक करना है। वह और प्रीतपाल इस बात से बेखबर थे कि उनके पास पिस्तौल है और वह उन पर जान लेवा हमला कर सकते हैं। प्रीतपाल ने जब इसका विरोध किया तो विक्की ने पिस्तौल निकालकर तीसरे साथी को सौंप दी, जिसने प्रीतपाल पर अंधाधुंध 5 फायर किए, जिनमें एक प्रीतपाल के पेट, दूसरा बाजू व तीसरा टांग में लगा, जबकि 2 फायर खाली गए। उसने किसी तरह से छुपकर अपनी जान बचाई। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी मौके से फार हो गए। उसने तत्काल प्राइवेट गाड़ी का प्रबंध करके प्रीतपाल को जख्मी हालत में अस्तपाल पहुंचाया।