Edited By Vatika,Updated: 17 May, 2018 02:23 PM
वैसे तो गिल चौक फ्लाईओवर के नीचे स्थित रिटेनिंग वॉल गिरने के साथ ही साफ हो गया था कि यह पास ही लगे कूड़े के ढेर में रहते चूहों द्वारा मिट्टी खोदने का नतीजा है। लेकिन नगर निगम अधिकारियों को वहां से कूड़े का डंप बंद करने में 2 दिन लग गए, वो भी उस समय...
लुधियाना (हितेश): वैसे तो गिल चौक फ्लाईओवर के नीचे स्थित रिटेनिंग वॉल गिरने के साथ ही साफ हो गया था कि यह पास ही लगे कूड़े के ढेर में रहते चूहों द्वारा मिट्टी खोदने का नतीजा है। लेकिन नगर निगम अधिकारियों को वहां से कूड़े का डंप बंद करने में 2 दिन लग गए, वो भी उस समय जब मेयर के अलावा मौके का दौरा करने पहुंचे डी.सी. व कमिश्नर ने पहले ही दिन कूड़ा गिराना बंद करने के निर्देश दे दिए थे।
इस संबंधी पंजाब केसरी ने मुद्दा उठाया तो नगर निगम अधिकारियों ने मौके पर डंप बंद करके सफाई करने के बाद चुना छिड़का दिया गया है। हालांकि अधिकारी इस देरी के लिए कूड़ा फैंकने के लिए दूसरी जगह ढूंढने में समय लगने का हवाला दे रहे हैं। लेकिन उनकी मुश्किलें सिर्फ गिल चौक फ्लाईओवर के नीचे स्थित कूड़ा डंप को बंद करने से ही खत्म नहीं होंगी, क्योंकि शहर में लगभग सभी पुलों के नीचे नगर निगम ने कूड़ा घर बना रखे हैं, अब कूड़े में रहने वाले चूहों की वजह से पुल को खतरा होने का पहलू सामने आने पर डंप को सभी जगह से शिफ्ट करना जरूरी हो गया है, जिसके लिए अधिकारियों ने वैकल्पिक साइट ढूंढने का काम शुरू करने की बात कही है।
चूहों से निपटने के लिए पी.ए.यू. की टीम ने किया मौके का दौरा
गिल चौक पुल की नींव हिलने के लिए चूहों के मुख्य वजह के रूप से सामने आने पर प्रशासन की सकते में आ गया है। जिसने शहर के सभी पुलों को चूहों द्वारा नुक्सान पहुंचाने के डर से समस्या का पक्का हल करने की योजना बनाई है। इसके तहत पेस्ट कंट्रोल डाइव चलाने संबंधी पी.ए.यू. की मदद मांगी गई। पी.ए.यू. की टीम ने बुधवार को मौके का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट जल्द नगर निगम को देने की बात कही है।
व्यापार मंडल ने की सभी प्वॉइंटों की जांच करने की मांग
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के जनरल सैक्रेटरी सुनील मेहरा ने कहा है कि गिल चौक पुल के नीचे रिटेनिंग वॉल गिरने के मामले में सिर्फ चूहों को जिम्मेदार बताने से लोग शांत नहीं होंगे। जबकि सभी प्वाइंट से जांच करवाने की जरूरत है, इसमें पुल को बनाने से लेकर अब तक सामने आ रही खामियों के लिए जिम्मेदार आफिसरों व कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिसके लिए किसी बाहरी एजैंसी की ड्यूटी लगा कर रिपोर्ट लेनी चाहिए।