Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2018 05:31 PM
3 दिन बीतने के बाद भी बुड्ढे नाले के पानी के ओवरफ्लो होकर साथ लगते इलाकों व सड़कों में घुसने की समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। बल्कि न्यू कुंदनपुरी, गुरु नानक पुरा व संधू नगर के बाद अब बुड्ढे नाले के पानी ने बुधवार को हैबोवाल के साथ लगते गोपाल नगर...
लुधियाना(हितेश): 3 दिन बीतने के बाद भी बुड्ढे नाले के पानी के ओवरफ्लो होकर साथ लगते इलाकों व सड़कों में घुसने की समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। बल्कि न्यू कुंदनपुरी, गुरु नानक पुरा व संधू नगर के बाद अब बुड्ढे नाले के पानी ने बुधवार को हैबोवाल के साथ लगते गोपाल नगर व नगर निगम सीमा के बाहर पड़ते गांव बग्गा खुर्द का रुख कर लिया। नाले का पानी रिहायशी इलाकों व खेतों में घुस गया। यह खतरा बुड्ढे नाले के साथ लगते बाकी इलाकों पर भी मंडरा रहा है, क्योंकि काफी हिस्से में सफाई न होने की वजह से नाले में पानी का लेवल डाऊन नहीं हो रहा।
बिना काम किए हर साल एक करोड़ ले जाता है सिंचाई विभाग
बुड्ढे नाले में से पानी ओवरफ्लो होने को लेकर नगर निगम अफसरों के पास सिंचाई विभाग को सफाई का जिम्मा देने का जवाब है। लेकिन एक तो यह काम इस बार फंड की कमी कारण तय शैड्यूल से 2 माह देरी से शुरू हुआ, ऊपर से डैडलाइन के भीतर काम पूरा भी नहीं हुआ। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या सिंचाई विभाग द्वारा बिना काम किए हर साल एक करोड़ रुपए हासिल किए जा रहे हैं क्योंकि उन्हेें सफाई करने के लिए घंटों के हिसाब से पेमैंट मिलती है और उसकी चैकिंग करने का कोई सिस्टम भी नहीं बनाया गया है।
बिट्टू ने निगम सीमा के बाहर के एरिया का लिया जायजा
बुड्ढे नाले के ओवरफ्लो होने को लेकर कहा जा रहा है कि नगर निगम में पड़ते एरिया की सफाई ठीक ढंग से न होने के अलावा बाहरी एरिया पूरी तरह जाम होने की वजह से पानी की निकासी में दिक्कत आ रही है। इसके मद्देनजर एम.पी. रवनीत बिट्टू ने नगर निगम की सीमा के बाहर पड़ते बुड्ढे नाले के हिस्से का जायजा लिया, जहां मौजूद सिंचाई विभाग के अफसरों को सफाई तेज करने के अलावा पुलियों के नीचे जमा हो रही बूटी निकालने पर जोर देने के लिए कहा गया है।
नाले का लेवल डाऊन रखने के लिए एस.टी.पी. पर नहीं चलाई जा रही मोटरें
महानगर की सड़कों पर बरसात के काफी देर बाद भी पानी जमा रहने की एक वजह यह भी है कि बुड्ढे नाले का लेवल रखने के लिए सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट पर पूरी मोटरें नहीं चलाई जा रही हैं। क्योंकि अगर सारी मोटरें चल रही हों तो सीवरेज का पानी पम्प करके नाले में डाल दिया जाएगा। लेकिन बुड्ढा नाला पहले ही खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। ऐसे में नाले के साथ लगते इलाकों में रहते लोगों को पानी घुसने की समस्या से बचाने के लिए बाकी शहर के लोगों को कुछ देर तक पानी की निकासी न होने की समस्या से जूझना पड़ सकता है।