13 वर्षों में पहली बार बंद हुआ लाडोवाल टोल प्लाजा

Edited By Vatika,Updated: 20 Apr, 2018 12:01 PM

ladowal toll plaza

कपूरथला की अदालत द्वारा टोल प्लाजा पर वसूली बंद करने के जारी निर्देशों के बाद लाडोवाल टोल प्लाजा को ठेके पर लेने वाली कंपनी सोमा आइसोलैक्स के अधिकारियों ने बुधवार देर रात को ही टोल पर वसूली बंद करने के निर्देश दे दिए थे जिसके पश्चात आधी रात के बाद...

फिल्लौर(भाखड़ी): कपूरथला की अदालत द्वारा टोल प्लाजा पर वसूली बंद करने के जारी निर्देशों के बाद लाडोवाल टोल प्लाजा को ठेके पर लेने वाली कंपनी सोमा आइसोलैक्स के अधिकारियों ने बुधवार देर रात को ही टोल पर वसूली बंद करने के निर्देश दे दिए थे जिसके पश्चात आधी रात के बाद टोल प्लाजा पूरी तरह से बंद कर दिया गया। सुबह 6 बजे से पहली शिफ्ट के कर्मचारी टोल बूथों पर नहीं बैठे थे। लाडोवाल टोल प्लाजा वर्ष 2004 में यहां लगा था। उक्त टोल प्लाजा लगने के बाद इन 13 वर्षों में प्लाजा की विरोधता में कई बार धरने प्रदर्शन हुए।

कुछ संस्थाओं ने ऊपर तक केंद्र सरकार के पास शिकायतें भी दर्ज करवाई परंतु प्लाजा एक घंटे के लिए भी बंद नहीं हो सका। इन 13 वर्षों में पहली बार कपूरथला अदालत की माननीय न्यायाधीश के कड़े रुख के बाद प्लाजा ठेकेदार को प्लाजा बंद करना पड़ा। इस संबंध में बात करने पर प्लाजा के अंबाला हैड क्वार्टर में बैठे बड़े अधिकारियों ने केवल इतना ही कहा कि ह्यूमन राईट्स प्रैस क्लब ने कपूरथला की अदालत में शिकायत एन.एच.ए. वन के ऊपर की है। हाईवे अथॉर्टी कितनी जल्दी अदालत को संतुष्ट कर पाती है उसके बाद ही प्लाजा खुलेगा, फिलहाल वह कानूनी माहिरों से सलाह मश्विरा कर ऊपरी अदालत में भी स्टे लेने के लिए जा सकते है। प्लाजा ठेकेदार को यहां से प्रतिदिन लगभग 50 लाख रुपए की उग्राही होती थी जिसका 25 प्रतिशत हिस्सा सरकार को जाता था। प्लाजा बंद होने के बाद ठेकेदार को यहां से होने वाली उग्राही पूरी तरह से बंद हो गई है।  

आने वाले दिनों में प्लाजा पर पड़ सकती है अदालत की मार
आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता पंजाब रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उन्होंने भी उक्त टोल प्लाजा के विरुद्ध केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित नैशनल हाईवे अथॉर्टी को कई बार शिकायतें भेज कर मांग कर चुके है कि प्लाजा ठेकेदार द्वारा इतना अधिक टोल वसूलने के बावजूद नियमों के मुताबिक अपनी शर्तों की पालना नहीं की जा रही। यहां न तो टोल वसूलने के बदले दी जाने वाली सुविधाएं और कौन से नियमों की पालना करनी है, उसकी जानकारी के लिए प्लाजा के दोनों तरफ  न तो होॄडग लगाए गए हैं और न ही उन नियमों की पालना हो रही है। इन शर्तों को लागू करवाने के लिए वह भी उच्च न्यायालय में शिकायत दर्ज करने जा रहे है जिससे आने वाले समय में प्लाजा ठेकेदार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

टोल प्लाजा अदालत के आदेशों पर बंद किया है राजनीतिक पार्टियों के कहने पर नहीं 
टोल प्लाजा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लाडोवाल टोल प्लाजा अदालत के आदेशों पर बंद किया गया है। न कि किसी पार्टी के विरोध करने पर वसूली बंद की गई है। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी द्वारा इसका श्रेय लेने के लिए टोल बूथों पर अपने बैनर लगाकर पूरा दिन वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों में पंफ्लेट बांटे गए जबकि कानून के मुताबिक वह टोल बूथों पर अपने बैनर नहीं लगा सकते। अगर पार्टी के कार्यकत्र्ता जनता को जागरूक करना चाहते हैं तो वह बाकायदा इजाजत लेकर अपने होर्डिंग्स लगवा सकते हैं। 

लवली यूनिवर्सिटी के आगे लगाए बैरीकेड
लाडोवाल टोल प्लाजा वर्ष 2004 में यहां स्थापित किया गया था। 2009 में इसे सोमा आईसोलैक्स कंपनी ने ठेके पर ले लिया। प्लाजा लेते वक्त शर्तों के मुताबिक सड़कों का नवीनीकरण व सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करवाना प्लाजा कंपनी का फर्ज बनता है। परंतु कंपनी द्वारा इतने वर्ष बीतने के बावजूद लवली यूनिवर्सिटी के आगे बैरीकेड लगा कर रास्ते बंद तक नहीं किए गए जिस कारण कई स्टूडैंट्स की जानें चली गई। इसे लेकर अदालत में रिट दायर की गई थी। ठेकेदार को जैसे ही अदालत ने शर्तें पूरी न करने पर टोल टैक्स वसूलने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी तो टोल प्लाजा के आज मात्र कुछ घंटों बाद ही ठेकेदार ने लवली यूनिवर्सिटी के आगे सड़क बना कर पूरी तरह से बैरीकेड लगा नियमों की पालना का काम कुछ ही घंटों में मुकम्मल कर दिया। 

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