Edited By Kalash,Updated: 17 Aug, 2022 03:39 PM
विजिलेंस दुआरा improvement ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन, ई ओ व अन्य मुलाजिमों के खिलाफ
लुधियाना (हितेश): विजिलेंस दुआरा improvement ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन, ई ओ व अन्य मुलाजिमों के खिलाफ जो केस दर्ज किया गया है उसमें विकास कार्यों की आड़ में हुए घोटाले की आंच इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों तक पहुंच सकती है।
इस मामले में ई ओ कुलजीत कोर के कबूलनामे के मुताबिक ठेकेदारों को विकास कार्यों की पेमेंट रिलीज के लिए उसे 50 पैसे के हिसाब से रिश्वत मिलती थी जबकि एक्सईएन जगदेव सिंह व बूटा राम, एस डी ओ अंकित नारंग पर विकास कार्यों के टेंडर व वर्क ऑर्डर जारी करने के अलावा बिल बनाने के लिए ठेकेदारों से 5 फीसदी कमिशन लेने का आरोप लगाया गया है जिसका हिस्सा उपर तक पहुंचाया जाता था।
सूत्रों के अनुसार इस खेल में उक्त अधिकारियों के अलावा एस ई, एक्सईएन नवीन मल्होत्रा, एस डी ओ जसविंदर सिंह, मंदीप सिंह, किरणदीप सिंह भी शामिल थे जिनमें से जसविंदर सिंह को छोड़कर सभी मुलाजिमों की उसी दिन लुधियाना से ट्रांसफर हो गई थी जिस दिन ई ओ कोगिरफ्तार किया गया था लेकिन वो सब अधिकारी विजिलेंस के राडार पर हैं।
क्योंकि उनके द्वारा गेर जरूरी विकास कार्यों खासकर थोक में इंटरलॉकिंग टाइल्स के निर्माण के लिए टेंडर लगाने के अलावा बिना काम हुए बिल बना कर Improvement ट्रस्ट को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया है। जिसे लेकर रिकॉर्ड विजिलेंस दुआरा अपने कब्जे में ले लिया गया है जिसकी जांच के आधार पर अधिकारियों के साथ साथ घोटाले में शामिल ठेकेदारों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इन ठेकेदारों को बिड केपेस्टी पूरी न होने के बावजूद वर्क ऑर्डर जारी करने के अलावा क्वालिटी कंट्रोल नियमों का पालन न करने के मामले में फायदा दिया गया है, जिसे लेकर एस डी ओ अंकित नारंग की जमानत याचिका खारिज हो गई है और बाकी अधिकारियों को नामजद करने की तैयारी चल रही है।
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