Edited By Vatika,Updated: 17 Aug, 2022 04:51 PM
पंजाब में सरकार व नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के ऑफिसर बदलने के बावजूद महानगर में अवैध बिल्डिंगे बनने के हालात नहीं बदले हैं।
लुधियाना (हितेश): पंजाब में सरकार व नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के ऑफिसर बदलने के बावजूद महानगर में अवैध बिल्डिंगे बनने के हालात नहीं बदले हैं। यहां बताना उचित होगा कि नक्शा पास करवाए बिना बनने वाली बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए लंबे समय से लुधियाना में काबिज नगर निगम अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है।
लेकिन अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने उक्त अधिकारियों की ट्रांसफर दूसरे शहरों में करने के अलावा हेड ड्राफ़्टमेन व इंस्पेक्टरों से चार्ज वापिस लेकर रेगुलर ए टी पी की नियुक्ति कर दी गई है। जिसके बावजूद शहर के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से बिल्डिंगे बनने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, इनमें रिहायशी इलाके में बन रही कमर्शियल के अलावा नान कम्पआऊंडेबल बिल्डिंगे मुख्य रूप से शामिल हैं। जिन बिल्डिंगों के खिलाफ फाउंडेशन लेवल पर तोड़ने की कार्रवाई करने के नियम हैं लेकिन उन नियमों को लागू नहीं किया जा रहा है, जिसके लिए सियासी दखलंदाजी से ज्यादा अधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आ रही है । इसी तरह कम्पआऊँडेबल केटेगरी की बिल्डिंगों से जुर्माना वसूलने की बजाय चालान काटने के नाम पर खानापूर्ति हो रही है, जिसका असर बजट टारगेट पूरे न होने की वजह से मुलाजिमों को सैलरी देने में दिक्कत होने के रूप में देखने को मिल रहा है।
लागू हुए रोजाना के हिसाब से जुर्माना लगाने संबंधी कमिश्नर के ऑर्डर
नियमों के अनुसार अवैध रूप से बन रही किसी भी बिल्डिंग के खिलाफ फर्स्ट स्टेज पर ही कार्रवाई करने की जिम्मेदारी एरिया इंस्पेक्टर व ए टी पी की है जिनके पास अवैध निर्माण को तोड़ने, बिल्डिंग को सील करने व काम बंद करवाने के लिए पुलिस की मदद लेने व केस दर्ज करवाने के भी अधिकार है, जिसे लेकर जवाबदेही फिक्स करने के लिए चालान काटने के साथ फोटो लगाने की शर्त लगाई गई है लेकिन उसके मुताबिक काम न होने के मद्देनजर पूर्व कमिश्नर प्रदीप सभरवाल दुआरा अवैध बिल्डिंग के मालिक पर रोजाना के हिसाब से जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उसे लागू नहीं किया गया जिस ऑर्डर में जुर्माने की रिकवरी बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की सैलरी में से करने का जिक्र किया गया है।