Edited By Vatika,Updated: 07 Apr, 2020 04:05 PM
सिविल अस्पताल कोरोना वायरस से जंग लडऩे के बड़े-बड़े दावे कर रहा है लेकिन अस्पताल के डाक्टर लापरवाही की हद पार करने में लगे हुए हैं।
लुधियाना (राज): सिविल अस्पताल कोरोना वायरस से जंग लडऩे के बड़े-बड़े दावे कर रहा है लेकिन अस्पताल के डाक्टर लापरवाही की हद पार करने में लगे हुए हैं। सोमवार को एक और मामला सामने आया जब आईसोलेशन वार्ड में एडमिट कोरोना के संदिग्ध मरीज का एक्सरे करने के लिए डाक्टर ने रेडियोग्राफर को बुलाया।
जब उसने वार्ड के अंदर आने के लिए पी.पी.ई. किट की मांग की तो डाक्टर ने उसे कहा कि जो डस्टबिन में किट पड़ी है उसे ही पहन लो, ऐसे में रेडियोग्राफर महिला ने अपनी सेफ्टी का हवाले देते हुए वार्ड में जाने से इंकार कर दिया। मामला सीनियर के ध्यान में लाने के बाद सभी रेडियोग्राफर इकट्ठा हो गए। उन्होंने एस.एम.ओ. से कहा कि अगर वह उनकी सेफ्टी नहीं रखेंगे तो वे वार्ड के अंदर नहीं जाएंगे। उनके दबाव में आने के बाद उन्हें पी.पी.ई. किट दी गई। सीनियर रेडियोग्राफर कुलविंदर कौर, रेडियोग्राफर नीतू शर्मा, समीर गिल, यादविंदर सिंह ने बताया कि नीतू शर्मा को डा. बलदीप सिंह ने पहले अढ़ाई बजे बुलाया था। डाक्टर के कहने के मुताबिक वह मरीजों के एक्सरे कर चली गई थी।
इसके बाद उन्होंने फिर करीब 4 बजे बुलाया और फिर से मरीजों के एक्सरे करने के लिए कहा, मगर जब उसने पी.पी.ई. किट की मांग की तो डाक्टर बलदीप सिंह ने कहा कि तुम्हें दूसरी किट नहीं मिलेगी, जो किट पहले डस्टबिन में फैंक कर गई थी, उसे ही पहन लो। उधर, एस.एम.ओ. डा. रवि दत्त ने कहा कि पी.पी.ई. किट एक बार ही इस्तेमाल हो सकती है। उन्होंने डाक्टर से कह दिया है कि एक ही बार रेडियोग्राफर को बुला कर काम करवाया जाए ताकि एक दिन में दूसरी किट इस्तेमाल न हो।