Edited By Anjna,Updated: 04 Jun, 2018 08:00 AM
आमतौर पर सितम्बर माह में बारिशों के बाद सक्रिय होने वाले मच्छर ने सीजन से पहले ही सेहत विभाग को चुनौती दे दी है। राज्य के 5 शहरों लुधियाना, जालंधर, पठानकोट, मोहाली तथा नवांशहर में डेंगू के मरीज सामने आए हैं, जबकि कई शहरों में मच्छरों के बेशुमार...
लुधियाना(सहगल): आमतौर पर सितम्बर माह में बारिशों के बाद सक्रिय होने वाले मच्छर ने सीजन से पहले ही सेहत विभाग को चुनौती दे दी है। राज्य के 5 शहरों लुधियाना, जालंधर, पठानकोट, मोहाली तथा नवांशहर में डेंगू के मरीज सामने आए हैं, जबकि कई शहरों में मच्छरों के बेशुमार लारवा मिलने का क्रम जारी है, जिससे आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढऩे के आसार हैं। सेहत विभाग के अनुसार जून माह में मलेरिया माह के रूप में मनाया जाता है, जबकि जुलाई को डेंगू से बचाव, जागरूकता के कार्यक्रम शुरू किए जाते हैं। अधिकारियों के अनुसार अब तक 6 डेंगू के पॉजीटिव मरीज सामने आए हैं। इनमें 5 डेंगू तथा नवांशहर से एक चिकनगुनिया का मामला शामिल है। इनमें 4 तो मई माह में सामने आए हैं।
सेहत विभाग ने बदला टाइम टेबल, कहा-शुरू करें एक्शन
डेंगू के 5 शहरों में दस्तक देने तथा जगह-जगह लारवा मिलने पर स्वास्थ्य निदेशक ने निर्धारित टाइम टेबल में बदलाव करते हुए जून माह में डेंगू से बचाव आदि संबंधी गतिविधियां शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य निदेशक डा. जसपाल कौर ने 11 मई को सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर कहा कि राज्य में डेंगू का ट्रांसमिशन सीजन शुरू हो चुका है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है इसलिए डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए अपने-अपने जिलों में गतिविधियां तेज की जाएं। हर शुक्रवार को ड्राई-डे के तौर पर मनाया जाए।
गर्मी में कैसे शुरू हुआ प्रकोप
बरसातों के सीजन से पहले गर्मी में डेंगू का प्रकोप शुरू होने के मामले में डा. गगनदीप ग्रोवर का मानना है कि म्यूटेशन में बदलाव के बारे में सोचना अलग बात है परंतु जब लोग बिना साफ किए कूलर चलाते हैं तो कूलरों में पड़े मच्छरों के अंडे पानी लगने से हरे हो जाते हैं और 10 दिन में मच्छर तैयार हो जाता है, क्योंकि मच्छरों के अंडे 12 से 15 महीने तक जिंदा रह सकते हैं। जैसे ही कूलर में पानी भरा जाता है, मच्छर बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। समय से पहले मच्छर के पैदा होने में लोगों में जागरूकता का अभाव है।