अब कैप्टन व सिद्धू की लड़ाई में अटकी अवैध बिल्डिंगों को रैगुलर करने संबंधी वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी

Edited By Vatika,Updated: 04 Dec, 2018 02:32 PM

clash between sidhu and captain

शर्तों व फीस को लेकर सहमति न बनने की वजह से अधर में लटकी अवैध बिल्डिंगों को रैगुलर करने संबंधी वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी अब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई के चलते कैबिनेट में अटक गई है। यहां बताना उचित होगा कि पंजाब के लगभग सभी...

लुधियाना(हितेश): शर्तों व फीस को लेकर सहमति न बनने की वजह से अधर में लटकी अवैध बिल्डिंगों को रैगुलर करने संबंधी वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी अब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई के चलते कैबिनेट में अटक गई है। यहां बताना उचित होगा कि पंजाब के लगभग सभी शहरों के रिहायशी एरिया में कई कमर्शियल बिल्डिंगों का निर्माण हो चुका है।
PunjabKesari
इसी तरह नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नक्शा पास करवाने के बिना बनी बिल्डिंगों की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा जिन कमर्शियल बिल्डिंगों का निर्माण नक्शा पास कराकर किया गया है उनमें से शायद ही कोई ऐसी बिल्डिंग होगी जिसमें ओवर कवरेज नहीं है। इन बिल्डिंगों पर नियमों के उल्लंघन के आरोप में तोडऩे या सील करने की कारवाई बनती है लेकिन इन बिल्डिंगों के मालिकों द्वारा फीस लेकर रैगुलर करने की मांग की जा रही है। इस संबंधी करीब डेढ़ दशक से लटक रही प्रक्रिया को सिरे चढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा अवैध निर्माणों को रैगुलर करने संबंधी वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। मगर शर्तों व फीस को लेकर सहमति न बनने की वजह से अब तक पॉलिसी फाइनल नहीं हो पाई है, जिसे लेकर बनाई सब-कमेटी की मीटिंग में चर्चा होने के बाद पॉलिसी एक बार फिर कैबिनेट में पहुंच गई है।
PunjabKesari
इस पॉलिसी पर कोई फैसला होने से पहले ही लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरेन्द्र सिंह को कैप्टन मानने से इंकार कर दिया है, जिसे लेकर पनपे विवाद में कैप्टन के समर्थक मंत्रियों ने सिद्धू का इस्तीफा तक मांग लिया है। इसका नतीजा यह हुआ कि सिद्धू ने सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग से दूरी बना ली है और एजैंडे में शामिल होने के बावजूद उनके विभाग से संबंधित वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई है। इस प्रस्ताव का भविष्य अब अगली कैबिनेट मीटिंग के अलावा कैप्टन व सिद्धू के संबंधों पर निर्भर करेगा।  

विकास के लिए मिलना है करोड़ों का फंड
नगर निगम को इस पॉलिसी से करोड़ों का फंड मिलने की उम्मीद है, जिससे रुके हुए विकास कार्यों को पूरा करने का टारगेट रखा गया है। इसके मद्देनजर नगर निगम द्वारा नॉन कम्पाऊंडेबल बिल्डिंगों का सर्वे भी करवाया जा रहा है।

कालोनियों की पॉलिसी में कवर हो सकती हैं नॉन स्कीम एरिया की बिल्डिंग्स
नगर निगम के एरिया में बड़ी संख्या में बिल्डिंग्स बनी हैं जो वैसे तो नॉन कम्पाऊंडेबल कैटागरी में आती हैं लेकिन नॉन स्कीम एरिया में होने की वजह से अवैध कालोनियों को रैगुलर करने संबंधी पॉलिसी में कवर हो सकती है। हालांकि अब तक लोगों ने बिल्डिंगों को रैगुलर करने के लिए नगर निगम के पास अप्लाई नहीं किया है।

जोन-डी एरिया में नहीं रुक रहा अवैध निर्माणों का सिलसिला
सिद्धू ने हाल ही में अवैध बिल्डिंगों के खिलाफ  कार्रवाई न करने के आरोप में जोन-डी के ए.टी.पी. विजय कुमार को अमृतसर ट्रांसफर कर दिया है। मगर काफी दिनों बाद भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उसे रिलीव नहीं किया गया है। इस कार्रवाई के बावजूद ए.टी.पी. की वर्किंग में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इसके तहत जोन-डी एरिया में अवैध निर्माणों का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है, जिनमें फिरोजपुर रोड, बी.आर.एस. नगर, सराभा नगर, मॉडल टाऊन, बस स्टैंड रोड, माल रोड, कालेज रोड, घुमार मंडी, पक्खोवाल रोड, दुगरी, हंबड़ा रोड, हैबोवाल के एरिया मुख्य रूप से शामिल हैं। जहां नक्शा पास करवाने के बिना बिल्डिंग्स बन रही हैं जिनमें नॉन कम्पाऊंडेबल निर्माण भी है, जिनको गिराने की कार्रवाई नहीं की गई है और न ही चालान डालकर जुर्माना लगाया गया है। इससे ए.टी.पी. की मिलीभगत होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!