Edited By Vatika,Updated: 22 Feb, 2020 12:53 PM
मध्य प्रदेश के बाद पंजाब के लुधियाना के सिविल अस्पताल ने केवल 24 घंटों में 37 बच्चों की सफल डिलीवरी करवाने का इतिहास रच दिया है।
लुधियाना (सलूजा): मध्य प्रदेश के बाद पंजाब के लुधियाना के सिविल अस्पताल ने केवल 24 घंटों में 37 बच्चों की सफल डिलीवरी करवाने का इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को सरबत का भला, बाबा फरीद फाऊंडेशन इंटरनैशनल, सिंगमा कॉलेज, इंटरनैशनल सिख धर्म प्रचार मंच व गार्डियन ऑफ ग्रीवैंस आदि संस्थाओं के प्रतिनिधि विशेष तौर पर सम्मानित करने के लिए पहुंचे।
उक्त संस्थाओं की तरफ से सिविल अस्पताल में आयोजित सादे व प्रभावशाली समारोह के दौरान सिविल सर्जन डा. राजेश बग्गा, डा. अविनाश जिंदल, डा. मलविंदर माला, डा. सविता अरोड़ा गोल्ड मैडलिस्ट डा. निशा कुमारी और डा. लखविंद्र कौर को यादगारी चिन्ह व दोशाला भेंट कर सम्मानित किया गया। लैफ्टीनैंट कर्नल एच.एस. काहलों व समाजसेवी व चेयरमैन प्रीतम सिंह भरोवाल ने सिविल अस्पताल के सिविल सर्जन व समूचे स्टॉफ का गुलदस्ते भेंट कर जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज के इस युग में जब इलाज काफी महंगा हो चुका है और हर वर्ग के लोगों के बजट से बाहर की बात हो चुकी है। इस समय के दौरान सिविल अस्पताल की तरफ से इतने बेहतर नतीजे देना समाज का भला करने के सामान है। काहलों व भरोवाल ने कहा कि सिविल अस्पताल के पास सिविल सर्जन डा. राजेश बग्गा व डा. सविता अरोड़ा गोल्ड मैडलिस्ट जैसे तजुर्बेकार व होनहार डाक्टर होने का भी सम्मान प्राप्त है।
सरबत का भला के जिला प्रधान जसवंत सिंह छापा, सिंगमा कॉलेज के प्रबंधक चंद्र भनोट और इंटरनैशन सिख धर्म प्रचार मंच के प्रधान गुरदीप सिंह लील ने कहा कि उनको जब सिविल सर्जन लुधियाना राजेश बग्गा ने यह बात बताई कि एक महिला के गर्भवती होने से लेकर ब"ो के जन्म तक और उसके बाद बच्चे का 42 दिनों तक बिल्कुल फ्री पालन-पोषण किया जाता है। गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर घर से सिविल अस्पताल तक और बच्चे की डिलीवरी होने पर उसके घर तक बिल्कुल फ्री वापसी को भी यकीनी बनाया जाता है। यह प्रशंसनीय कार्य है। इससे यकीनन तौर पर गरीब व आम वर्ग से संबंधित गर्भवती महिलाओं को जहां अच्छी सेहत मिलेगी और आर्थिक रूप में भी फायदा मिलेगा।