Edited By Vatika,Updated: 19 Jun, 2018 12:01 PM
ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंस (एम्स) ने सोमवार को एंट्रैस टैस्ट का रिजल्ट घोषित कर दिया। 26 व 27 मई को देश की 9 एम्स संस्थानों में 807 सीटों पर दाखिले के लिए करवाई गई इस परीक्षा के रैंक के आधार पर स्टूडैंट्स को एम्स से एम.बी.बी.एस. करने का...
लुधियाना(विक्की): ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंस (एम्स) ने सोमवार को एंट्रैस टैस्ट का रिजल्ट घोषित कर दिया। 26 व 27 मई को देश की 9 एम्स संस्थानों में 807 सीटों पर दाखिले के लिए करवाई गई इस परीक्षा के रैंक के आधार पर स्टूडैंट्स को एम्स से एम.बी.बी.एस. करने का अवसर प्राप्त होगा।
सोमवार को दोपहर बाद घोषित परिणामों में लुधियाना के के.वी.एम. स्कूल के छात्र हिमांशू कुमार ने आल इंडिया में 198वां रैंक पाया है। जबकि डी.पी.एस. की छात्रा यशिका गुप्ता ने 258वां एवं डी.ए.वी. स्कूल की ग्रेटा भक्कू ने 490वां रैंक आल इंडिया में पाकर सफलता हासिल की। यहां बता दें कि यशिका गुप्ता और ग्रेटा ने दुगरी स्थित प्रमुख कोचिंग इंस्टीच्यूट से कोङ्क्षचग प्राप्त की है। एजुस्केयर दुगरी के डायरैक्टर साइंस विंग तेजप्रीत सिंह ने बताया कि देश के 2 नए समेत कुल 9 एम्स संस्थानों की 807 में से जनरल वर्ग की 400 सीटें हैं। उन्होंने बताया कि जनरल वर्ग में 1500 तक रैंक पाने वाले स्टूडैंट्स को भी एम्स के जनरल वर्ग में सीट मिल जाती है।
एम्स ऋषिकेश में एडमिशन लेगा हिमांशू
एम्स के परिणाम में 198वां रैंक पाने वाला के.वी.एम. का छात्र हिमांशू कुमार अपने रैंक से संतुष्ट है और अब ऋषिकेश के एम्स में दाखिला लेकर एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई करना चाहता है। हिमांशू ने बताया कि पेपर मुश्किल था लेकिन फिर भी रैंक ठीक है। इस छात्र ने बताया कि फिलहाल उसका ध्यान एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई पूरी करने की ओर है। किचलू नगर निवासी हिमंाशू के पिता डा. राकेश कुमार कैमीकल का बिजनैस करते हैं जबकि माता शिवानी कुमार हाऊस वाइफ हैं। इस छात्र ने अपनी सफलता का श्रेय दादा डा. कृष्ण कुमार को दिया।
फैमिली की पहली डाक्टर बनेगी यशिका
बचपन से ही घर के आस पास के डाक्टरों से प्रभावित यशिका ने यह ठान लिया था कि वह भी भविष्य में डाक्टर बनेगी। आज एम्स के घोषित परिणामों के बाद इस छात्रा का सपना सच होता दिखाई भी दे रहा है। एम्स के परिणाम में 258वां आल इंडिया रैंक पाने वाली यशिका अपनी फैमिली की पहली डाक्टर बनने की ओर कदम बढ़ाने जा रही है और इसकी पहली सीढ़ी के रूप में वह एम्स जोधपुर या ऋषिकेश में एम.बी.बी.एस. कोर्स में दाखिला लेकर चढ़ेगी। डी.पी.एस. की इस छात्रा ने 12वीं में 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे जबकि नीट में 3384वां रैंक हासिल किया था। यशिका के पिता रोहित बिजनैसमैन हैं जबकि माता शिखा गुप्ता हाऊस वाइफ हैं।
एम्स नहीं नीट के आधार पर एम.बी.बी.एस. में सीट लेगी ग्रेटा
शहर के नामी सी.ए. प्रेमनाथ भक्कू की पौत्री एवं सी.ए. पंकज भक्कू की बेटी ग्रेटा भक्कू ने बेशक एम्स में 490वां रैंक पाया है लेकिन एम.बी.बी.एस. में दाखिला नीट के परिणाम के आधार पर ही लेगी। ग्रेटा ने नीट के परिणाम में आल इंडिया में 604वां रैंक पाया था। ग्रेटा का कहना है कि वह दिल्ली, चंडीगढ़ या लुधियाना में किसी नामी मैडीकल कालेज से एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई पूरी करेगी। ग्रेटा ने 12वीं कक्षा में 95.4 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इस छात्रा ने बताया कि डाक्टर बनने की प्रेरणा उसे अपने दादा जी के भाई ओंकार नाथ भक्कू से मिली, क्योंकि वह चंडीगढ़ में अक्सर परिवार के साथ जाया करती थी और उन्हें मरीजों की सेवा करते देख काफी प्रभावित होती रही।