Edited By Vatika,Updated: 08 Apr, 2020 12:15 PM
कोरोना वायरस की महामारी के चलते स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा गंभीर मरीजों के लिए वैंटीलेटर रूम का इंतजाम किया जा रहा है।
लुधियाना(सहगल): कोरोना वायरस की महामारी के चलते स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा गंभीर मरीजों के लिए वैंटीलेटर रूम का इंतजाम किया जा रहा है। शहर के प्रमुख अस्पतालों से बात करके अब तक 33 वैंटीलेटर आरक्षित कर लिए गए हैं जबकि 4 वैंटीलेटर स्वास्थ्य विभाग ने सी.एम.सी. अस्पताल में स्थापित किए हैं। सिविल सर्जन डा. जयेश कुमार बग्गा ने बताया कि 37 वैंटीलेटर के अलावा 10 और वैंटीलेटर की व्यवस्था कर ली गई है जो कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। अब तक राज्य में कोरोना वायरस के 65 मरीज सामने आ चुके हैं जबकि 5 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
कब और कितने जरूरी हैं वैंटीलेटर्स
जिन मरीजों की हालत गंभीर होती है वैंटिलेटर उनकी जान बचाने में मदद करता है। वैंटिलेटर एक ऐसी मशीन है जो किसी मरीज की सांस लेने में मदद करती है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन डालती है और कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालती है। वैंटिलेटर को लाइफ सेविंग मशीन भी कहा जाता है क्योंकि यह उस वक्त इस्तेमाल की जाती है जब मरीज के फेफड़े काम करना बहुत कम कर देते हैं। सर्जरी से पहले भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वैंटिलेटर मशीन में एक ट्यूब जुड़ी होती है जिसे मरीज के मुंह, नाक या गले में छोटे से कट के जरिए शरीर में डाला जाता है। कोरोना वायरस के इलाज के दौरान मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आती है।कोरोना वायरस से संक्रमण के गंभीर मामलों में वायरस फेफड़ों को नुक्सान पहुंचाने लगता है। इंसान के फेफड़े शरीर में वे जगह हैं जहां से ऑक्सीजन शरीर में पहुंचना शुरू होती है और कार्बन डाईऑक्साइड शरीर से बाहर निकलती है। अगर यह वायरस आपके मुंह से होते हुए सांस की नली में प्रवेश करता है और फिर आपके फेफड़ों तक पहुंचता है तो आपके फेफड़ों में छोटे-छोटे एयरसैक बना देता है। कोरोना के बनाए छोटे-छोटे एयरसैक में पानी जमने लगता है। इस कारण सांस लेने में तकलीफ होती है और आप लंबी सांस नहीं ले पाते। इस स्टेज में मरीज को वैंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। ऐसे में वैंटिलेटर फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाता है। वैंटिलेटर में ह्यूमिडीफायर भी होता है जो हवा में गर्माहट और नमी शामिल करता है और उससे शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है।