पाक ने फिर की नापाक हरकतःअटारी व मुंबई के रास्ते निर्यात होने वाले मसाले किए बैन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 08:01 AM

spices used for exporting through attari and mumbai

चाहे बार्डर हो या फिर आयात-निर्यात, पाकिस्तान की सरकार अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने से बाज नहीं आती है। जंग का मैदान हो या फिर कारोबारी रिश्ते हर बार पीठ में छुरा घोंपने में पीछे नहीं रहती है। ....

अमृतसर (नीरज): चाहे बार्डर हो या फिर आयात-निर्यात, पाकिस्तान की सरकार अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने से बाज नहीं आती है। जंग का मैदान हो या फिर कारोबारी रिश्ते हर बार पीठ में छुरा घोंपने में पीछे नहीं रहती है। भारत-पाकिस्तान के बीच अंतर्राष्ट्रीय रेल कार्गो के जरिए मालगाड़ी व आई.सी.पी. अटारी बार्डर के रास्ते ट्रकों के जरिए होने वाले आयात-निर्यात में पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारतीय मसालों को बैन कर दिया है। इतना ही नहीं, अटारी-लाहौर के रास्ते होने वाले मसालों की निर्यात को ही नहीं बल्कि मुंबई से कराची होने वाले मसालों के निर्यात पर भी अप्रत्यक्ष रूप से बैन लगा दिया है जिससे व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुक्सान हो रहा है।

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के लाहौर रेल कार्गो व कराची पोर्ट पर करोड़ों रुपए के भारतीय मसालों को पाकिस्तान के प्लांट कुरींटीन विभाग की तरफ से एन.ओ.सी. नहीं दी जा रही है जिससे वहां पर भारतीय माल डंप हो गया है और खराब हो रहा है। पाकिस्तान को निर्यात करने के लिए भारतीय व्यापारियों का अपना माल भी गोदामों में डंप है जिससे पाकिस्तान से मिले करोड़ों रुपए के आर्डर रद्द हो रहे हैं। पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों की मानें तो भारतीय व्यापारियों को पाकिस्तान की इस हरकत से 300 करोड़ रुपए के लगभग नुक्सान होना तय है यदि भारतीय मसाले व अन्य सामान को पाकिस्तान का प्लांट कुरींटीन विभाग एन.ओ.सी. नहीं देता है।

व्यापारियों की मानें तो पाकिस्तान सरकार चीन के दबाव व चीन की चाल में आकर इस प्रकार की हरकत कर रही है और भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को खराब कर रही है। इतना ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संधि का भी सरेआम उल्लंघन कर रही है।

लाहौर पोर्ट पर फंसा 50,000  बोरी मूंगफली दाना
अंतर्राष्ट्रीय रेल कार्गो अमृतसर के जरिए भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली मालगाड़ी द्वारा सिर्फ मसालों का ही निर्यात नहीं किया जाता है बल्कि जड़ी-बूटियों व मूंगफली के दाने का भी पाकिस्तान को निर्यात किया जाता है। पाकिस्तान के प्लांट कुरींटीन विभाग की तरफ से एन.ओ.सी. नहीं दिए जाने से अटारी रेल मार्ग के रास्ते पाकिस्तान को निर्यात किया गया 50 हजार बोरी मूंगफली दाना भी फंस गया है जिसे एन.ओ.सी. नहीं मिल रही है। भारतीय व्यापारियों द्वारा पाकिस्तान को काफी मात्रा में जड़ी-बूटियों का निर्यात किया जाता है जो फिलहाल रुक गया है।

1970 से हो रहा है पाकिस्तान को मसालों व बूटियों का निर्यात
पाकिस्तान के साथ रेल मार्ग के जरिए होने वाले आयात-निर्यात की बात करें तो पाकिस्तान को उपॢलखित वस्तुओं का निर्यात कोई नया नहीं है। अमृतसर स्थित अंतर्राष्ट्रीय रेल कार्गो पर वर्ष 1965 व 1971 की जंग के बाद से पाकिस्तान को मसालों, जड़ी-बूटियों व अन्य वस्तुओं का निर्यात किया जा रहा है लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी भारतीय वस्तुओं को इस प्रकार से प्लांट कोरींटीन विभाग की आड़ में बैन नहीं किया है। लगभग 47 वर्षों के बाद पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय मसालों, मूंगफली व अन्य वस्तुओं पर प्लांट कोरींटीन विभाग का अड़़ंगा लगाया है जो सीधे-सीधे कारोबारी रिश्तों में खटास डालने की साजिश है जिससे व्यापारियों को भारी नुक्सान होना तय है।

हैरोइन स्मगङ्क्षलग की घटनाओं से कई बार बंद हुई है मालगाड़ी
अटारी बार्डर क्रास करके भारत व पाकिस्तान के बीच चलने वाली मालगाड़ी हैरोइन तस्करी की घटनाओं के कारण कई बार बंद हो चुकी है। इससे पहले मालगाड़ी के जरिए ही भारी मात्रा में पाकिस्तानी सीमैंट का आयात किया जा रहा था जो रेल कार्गो अमृतसर के गोदामों में उतारा जाता था लेकिन सीमैंट की बोरियों के साथ पाकिस्तानी तस्करों ने हैरोइन की बड़ी-बड़ी खेप भी भेजनी शुरू कर दीं जिससे कई बार भारत-पाक के बीच चलने वाली मालगाड़ी बंद हो गई और पाकिस्तानी सीमैंट रेल की बजाय ट्रकों के जरिए आयात होने लगा लेकिन इस अवधि के दौरान भी कभी पाकिस्तान ने भारतीय मसालों व अन्य वस्तुओं पर प्लांट कोरींटीन का अड़ंगा नहीं डाला था।

क्या है पाकिस्तान के प्लांट कोरींटीन विभाग का काम
पाकिस्तान के प्लांट कोरींटीन विभाग की बात करें तो पता चलता है कि भारत से पाकिस्तानी व्यापारी जिन वस्तुओं का आयात करते हैं उनकी गुणवत्ता को परखने के लिए प्लांट कोरींटीन विभाग की सेवाएं ली जाती है। यह विभाग इस बात का भी पता लगाता है कि जिन वस्तुओं को भारत से आयात किया जा रहा है उसमें कोई बीमारी तो नहीं है यानि आयातित वस्तु खाने के काबिल भी है या नहीं है। इस विभाग की एन.ओ.सी. मिलने के बाद ही लाहौर पोर्ट से भारतीय वस्तुओं को रिलीज किया जाता है और पाकिस्तानी व्यापारियों के सुपुर्द किया जाता है लेकिन पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान सरकार इस विभाग की आड़ लेकर भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते खराब कर रही है और भारतीय व्यापारियों को नुक्सान पहुंचाया जा रहा है।

आई.सी.पी. के सड़क मार्ग से जाने वाला टमाटर, सोयाबीन व कॉटन भी हो चुके हैं बैन
रेल मार्ग के जरिए होने भारतीय व्यापारियों की तरफ से निर्यात किए जाने वालेे मसालों व अन्य वस्तुओं को तो पाकिस्तान के प्लांट कोरींटीन विभाग ने पहली बार बैन किया है जबकि इससे पहले पाकिस्तान ने इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट अटारी बार्डर के सड़क मार्ग के रास्ते निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को भी प्लांट कुरींटीन विभाग की आड़ लेकर बैन किया है। आई.सी.पी. अटारी के रास्ते ट्रकों के जरिए पाकिस्तान को भारी मात्रा में टमाटर का निर्यात किया जाता रहा है।

इसके अलावा कुछ अन्य सब्जियों को भी पाकिस्तान को निर्यात किया जाता रहा है लेकिन पाकिस्तान ने प्लांट कोरींटीन विभाग की आड़ लेकर भारतीय टमाटर को बैन कर दिया। पाकिस्तान में ईद व अन्य त्यौहारों पर भारतीय टमाटर की जबरदस्त मांग होने के बावजूद पाकिस्तान ने भारतीय टमाटर का आयात नहीं किया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने प्लांट कोरींटीन विभाग की आड़ में सोयाबीन व कॉटन तक को बैन कर दिया जिससे भारतीय व्यापारियों को करोड़ों का नुक्सान हो चुका है।

पाकिस्तान से आयात हो रहा है सीमैंट, जिप्सम, रॉक साल्ट व ड्राईफ्रूट
पाकिस्तान से भारतीय व्यापारियों की तरफ से आयात की जाने वाली वस्तुओं की बात करें तो इस समय आई.सी.पी. अटारी के रास्ते ट्रकों के जरिए भारी मात्रा में पाकिस्तानी सीमैंट, जिप्सम, रॉक साल्ट, ड्राईफू्रट व छुआरे आदि का आयात किया जा रहा है और भारत सरकार ने कभी भी पाकिस्तान की तरह प्लांट कोरींटीनविभाग की आड़ लेकर व्यापारिक रिश्ते खराब नहीं किए हैं।

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