नशे के खिलाफ शपथ लेकर सत्ता में आई कांग्रेस को खलने लगी शराब की घटती बिक्री

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 08:00 AM

reduced sale of liquor started by congress in power

बात अगर नशे की हो तो प्रदेश में सभी राजनीतिक दल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। एक तरफ जहां पूर्व अकाली-भाजपा सरकार पर नशे को लेकर विपक्ष ने काफी हो-हल्ला मचाया था तो अब 10 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस के हालात भी वैसे ही दिखाई देने लगे हैं। नशे को...

जालंधर(रविंदर शर्मा): बात अगर नशे की हो तो प्रदेश में सभी राजनीतिक दल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। एक तरफ जहां पूर्व अकाली-भाजपा सरकार पर नशे को लेकर विपक्ष ने काफी हो-हल्ला मचाया था तो अब 10 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस के हालात भी वैसे ही दिखाई देने लगे हैं। नशे को लेकर न तो प्रदेश में कोई व्यापक योजना बन सकी है और न ही राज्य से नशा कम हुआ है। 

कांग्रेस के खुद के प्रवक्ता भी यहां तक आरोप लगाने लगे हैं कि पंजाब में नशा कम नहीं हुआ है और अब तो पुलिस वाले भी नशा बिकवाने लगे हैं। सत्ता में आने से पहले कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने गुटका साहिब को हाथ में लेकर शपथ ली थी कि वह सत्ता में आने के 4 सप्ताह के भीतर नशे को पंजाब से खत्म कर देंगे। लोगों ने उनकी इस बात को हाथों-हाथ लिया था क्योंकि 10 साल से पंजाब की जनता और खासकर युवाओं के माता-पिता नशे की दलदल से परेशान हो चुके थे, ऐसे में उन्हें कांग्रेस के भीतर एक आशा की किरण दिखाई दी और पंजाब की जनता ने नशे के खिलाफ फतवा देते हुए अकाली-भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया।

लोगों को बेहद उम्मीद थी कि कांग्रेस नशे के खात्मे की जमकर पहल करेगी और कैप्टन अपनी शपथ को पूरा करेंगे। शुरूआती दिनों में इसके अच्छे रिजल्ट भी दिखाई दिए। स्पैशल टास्क फोर्स का गठन किया गया और एस.टी.एफ. ने कुछ बड़ी मछलियों पर हाथ भी डाला। मगर एस.टी.एफ. की अचानक चुप्पी और दोबारा से प्रदेश में नशा तस्करों की सरगर्मी ने कांग्रेस सरकार की पोल खोलकर रख दी है। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कुछ दिन पहले ही बयान दिया था कि पंजाब पुलिस खुद नशा बिकवा रही है।

प्रदेश की जेलों से आ रही रिपोर्ट भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है। कई बड़ी वारदातों के बाद आज भी जेलों के अंदर से नशे की आपूर्ति  बेखौफ बदस्तूर जारी है। अब शराब को लेकर प्रदेश के वित्त मंत्री का नया बयान आया है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि नई पालिसी लाकर पंजाब में शराब सस्ती की जाएगी। ऐसा बयान इसलिए आया है कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले पंजाब में शराब बेहद महंगी है। महंगी शराब होने के कारण पंजाब में शराब की बिक्री लगातार कम हो रही है और इससे सरकार के राजस्व को नुक्सान हो रहा है।

सरकार शराब पर वैट कम कर इसे सस्ती करने की योजना बना रही है। मगर अपने इस बयान के बाद प्रदेश के वित्त मंत्री विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। अकाली दल का कहना है कि गुटका साहिब हाथों में लेकर शपथ लेने वालों को अब शराब की घटती बिक्री खलने लगी है। वह कहते हैं कि अकाली-भाजपा सरकार पर कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों में से एक भी आरोप सिद्ध नहीं हो सका है।

अगर पंजाब में इतना नशा था तो कांग्रेस ने अब तक पकड़ा क्यों नहीं और क्यों अभी तक तस्करों को सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया गया। अब तो शराब सस्ती कर कांग्रेस खुद ही नशे को बढ़ावा देने जा रही है। वहीं आम आदमी पार्टी का भी कहना है कि कांग्रेस नशे का खात्मा नहीं कर रही है बल्कि पंजाब में नशे को बढ़ावा दे रही है। अब तो कानून व्यवस्था की भी धज्जियां उडऩे लगी हैं और खाकी वर्दी में ही पुलिस वाले थानों में जाम पर जाम टकराते हैं। 

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