पराली के धुएं ने जीना किया मुश्किलःलोग बेबस, सरकार मौन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 01:38 PM

parali fumes made it difficult to live

दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा कर चर्चा में आए अदालती आदेश मजाक लगने लगे हैं, जब किसानों द्वारा सरेआम जलाई जा रही पराली के धुएं ने लोगों का जीना हराम कर दिया है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।

मलोट (गोयल): दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा कर चर्चा में आए अदालती आदेश मजाक लगने लगे हैं, जब किसानों द्वारा सरेआम जलाई जा रही पराली के धुएं ने लोगों का जीना हराम कर दिया है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।  
मजे की बात यह है कि सरकार द्वारा खुद ही पराली को जलाने के विरुद्ध कानून बनाए गए हैं और खुद को ही पता नहीं कि किस प्रकार कानून की पालना करवाई जाए। वोट बैंक के चक्कर में सरकार खुद ही विरोधाभासी बयान दे रही है। ऐसा नहीं है कि पराली को जलाने वाले खुद शुद्ध हवा में सांस ले रहे हैं। उन्हें भी दूषित वातावरण उतना ही परेशान कर रहा है पर किसी के पास इस मामले का कोई हल नजर नहीं आ रहा। 

पराली के धुएं के कारण प्रत्येक घर में बीमार सदस्यों की संख्या बढ़ रही है। धुएं वाली हवा के कारण लोगों के सीने में जलन, गले में दर्द, बुखार आदि समस्याएं गंभीर हो रही हैं साथ में धुएं ने दुर्घटनाओं में भी वृद्धि कर दी है, जिससे हर रोज कीमती जानें जा रही हैं। इस मामले में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि यह मौसम हृदय रोगियों व बुजुर्गों के लिए जानलेवा है। कारण यह कि प्रदूषित हवा के कारण शरीर को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल रही जिस कारण हृदय पर अतिरिक्त दबाव बढ़ रहा है। 

डा.कुलदीप सिंह का मानना है कि ऐसे समय में रोगी को घर पर ही रहना चाहिए। चाहे प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं है। डॉ. सतीश बठला ने बताया कि इस धुएं के शिकार लोगों की संख्या में प्रतिदिन बढ़ौतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि दवा का असर इसलिए भी कम नजर आता है कि मरीज को उसी जलवायु में रहना पड़ता है। दूसरी तरफ भारत विकास परिषद के अध्यक्ष रजिन्द्र पपनेजा का मानना है कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार को सिर्फ उन लोगों का ही बैंक कर्ज माफ करना चाहिए जो पराली न जलाने की शर्त को मानें।

बेशक पराली जलाने के मामले में लोग बेबसी से अपने स्वास्थ्य की बर्बादी पर आंसू बहा रहे हैं। पर ऐसा नहीं है सरकार को इसकी खबर नहीं। हैरानी की बात है कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने माना है कि पंजाब के किसानों ने 60 लाख एकड़ भूमि की पराली को फूंक कर रख दिया है जिस कारण पिछले 10 दिनों से पंजाब मेंसूरज तक नहीं निकल पाया और हर जिले के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। इसके बावजूद सरकार का हाथ पर हाथ रखे बैठे रहना लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं तो और क्या है।

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