लुधियाना हादसाः CM ने कबूली फायर ब्रिगेड की खामियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 02:01 PM

ludhiana building collapse

सूफियां चौक स्थित बहुमंजिला फैक्टरी में आगजनी की घटना के बाद बिल्डिंग गिरने के कारण एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद फायर ब्रिगेड सिस्टम को लेकर सरकार की नींद खुल गई है। इसके तहत मौके पर पहुंचे सी.एम. अमरेन्द्र सिंह ने जहां फायर ब्रिगेड...

लुधियाना (हितेश): सूफियां चौक स्थित बहुमंजिला फैक्टरी में आगजनी की घटना के बाद बिल्डिंग गिरने के कारण एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद फायर ब्रिगेड सिस्टम को लेकर सरकार की नींद खुल गई है। इसके तहत मौके पर पहुंचे सी.एम. अमरेन्द्र सिंह ने जहां फायर ब्रिगेड की खामियां कबूलीं। वहीं, दिसम्बर तक उनको दूर करने का दावा भी किया। यहां बताना उचित होगा कि पंजाब की लगभग सभी फायर ब्रिगेड सॢवसेज में स्टाफ व गाडिय़ों की भारी कमी है। जिस कारण आगजनी की घटना पर काबू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

उससे जान-माल का नुक्सान भी बढ़ जाता है। इसके अलावा एक पहलु बिल्डिंग मालिकों द्वारा अपने तौर पर फायर सेफ्टी का प्रबंध न करने का भी है। इस कारण फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाते। जबकि ऐसी बिल्डिंगों की चैकिंग न होने को लेकर भी अफसरों के पास स्टाफ की कमी का बहाना है। जिसे लेकर सी.एम. का कहना है कि डायरैक्टोरेट ऑफ फायर सर्विसेज का गठन कर दिया गया है और जल्द ही फायर सेफ्टी एक्ट भी लागू किया जाएगा। जिससे फायर सेफ्टी के प्रबंध न करने वाले बिल्डिंग मालिकों पर पुख्ता कार्रवाई करने का रास्ता साफ होगा। इसी तरह कैप्टन ने फायर ब्रिगेड विंग में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी दिसम्बर तक पूरी होने का दावा किया है।

आई.पी.एस. अधिकारी के हाथ में होगी डायरैक्टोरेट ऑफ फायर सर्विस की कमान
लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा एक आई.पी.एस. अफसर को अपने विभाग में लगवाने बारे पिछले दिनों सी.एम. से मिलकर सिफारिश करने की जो अटकलें चल रही थीं, उनको लेकर खुद कैप्टन ने स्थिति साफ की है। उन्होंने कहा कि फायर ब्रिगेड सिस्टम को पुख्ता बनाने के लिए डायरैक्टोरेट ऑफ फायर सर्विसेज का गठन हैड आफिस में कर दिया गया है। जिसकी अगुवाई एक आई.पी.एस. अफसर द्वारा की जाएगी।

27 नई गाडिय़ां खरीदने पर भी नहीं पूरी होगी लुधियाना की कमी
सी.एम. की मानें तो कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब तक 69 नई फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां खरीदकर नगर निगमों को दी गई हैं। उन्होंने आगे भी दिसम्बर तक 27 और नई गाडिय़ां खरीदने का दावा किया है। लेकिन उसके बाद लुधियाना में गाडिय़ों की कमी पूरी नहीं होगी, क्योंकि उसमें से लुधियाना को कोई गाड़ी देने का शैड्यूल नहीं है। जहां तक नियमों की बात करें तो हरेक 50 हजार की आबादी पर फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी जरूरी है और नगर निगम द्वारा हाल ही में करवाए गए सर्वे दौरान 18 लाख से ज्यादा की आबादी का आंकड़ा सामने आया है। इसके हिसाब से 36 गाडिय़ों की जरूरत हैं। जबकि इस समय लुधियाना में सिर्फ फायर ब्रिगेड की 17 गाडिय़ां हैं और उनमें से भी फायर ब्रिगेड की कई गाडिय़ां आऊट डेटिड हो चुकी हैं और 2 को सोमवार के हादसे में काफी नुक्सान पहुंचा है। इसके मुकाबले सरकार द्वारा इस सैशन में यहां सिर्फ 6 फायर ब्रिगेड की नई गाडिय़ां भेजी गई हैं। 

सिद्धू के ऐलान के 4 महीने बाद भी नहीं बना हाईड्रोलिक सीढ़ी खरीदने का प्रस्ताव
महानगर में ऊंची बिल्डिंगों में आगजनी की घटना होने के दौरान बचाव प्रबंधों को लेकर इसलिए भी दिक्कत आती है, क्योंकि निगम के पास सिर्फ 38 फुट हाइट तक जाने का ही प्रबंध है। उसके मद्देनजर 120 फुट ऊंची हाईड्रौलिक सीढ़ी खरीदने की मांग काफी देर से चल रही है। जो इस सिर्फ मोहाली के पास है। यह सीढ़ी लुधियाना को भी देने का फैसला अगस्त में हो चुका है। इसका ऐलान खुद सिद्धू ने छपार मेले के दौरान यहां आकर किया था लेकिन उससे आगे कुछ नहीं हुआ।

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