Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 11:24 AM
वेयर हाऊस निगम में तैनात रहे तकनीकी सहायक रवन कुमार पुत्र जोगिन्द्र सिंह निवासी हैबोवाल मोहल्ला हाजीपुर को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी करार देते हुए अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश संदीप कुमार सिंगला की अदालत ने शुक्रवार को 2 साल की कैद के साथ-साथ...
होशियारपुर (अमरेन्द्र): वेयर हाऊस निगम में तैनात रहे तकनीकी सहायक रवन कुमार पुत्र जोगिन्द्र सिंह निवासी हैबोवाल मोहल्ला हाजीपुर को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी करार देते हुए अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश संदीप कुमार सिंगला की अदालत ने शुक्रवार को 2 साल की कैद के साथ-साथ 10 हजार रुपए नकद जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। नकद जुर्माना राशि की अदायगी नहीं करने पर दोषी को और 1 साल कैद की सजा काटनी होगी।
10 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा था
गौरतलब है कि आढ़ती वरिंद्र कुमार पुत्र सोहन लाल निवासी मोहल्ला लंबरदार हाजीपुर ने विजीलैंस विभाग जालंधर के पास 2014 में शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने अपनी शिकायत में बताया था कि वह 2002 से वरिंद्र ट्रेडर्ज के नाम पर हाजीपुर में ही आढ़ती की दुकान करता है। उसने शिकायत में बताया था कि धान की खरीद का सीजन चल रहा है और खरीद विभाग की तरफ से पंजाब वेयर हाऊस कॉर्पोरेशन को धान की खरीद करने के निर्देश दिए गए थे।
उसने विजीलैंस विभाग को बताया कि वेयर हाऊस की तरफ से तकनीकी सहायक अफसर (इंस्पैक्टर) रवन कुमार को मंडी में बिल क्लीयरैंस के लिए लगाया गया था। उसने बताया जब वह अपने 42 हजार रुपए के बिल रवन कुमार के पास लेकर गया तो वह उनके बिलों को पास करने में आनाकानी करता रहा। 42 हजार के बिलों को पास करवाने के लिए उसने कई चक्कर भी लगाए लेकिन उसने उसके बिलों को पास नहीं किया। जब वह 17 नवम्बर 2014 को रवन कुमार के पास गया तो उसने कहा अगर बिलों को पास करवाना है तो 10 हजार रुपए लगेंगे फिर कोई भी बिल नहीं रुकेगा। अगर 10 हजार रुपए नहीं दिए तो तुम्हारे सभी बिल कैंसिल कर देंगे। बात करने पर वह 7 हजार रुपए पर आ गया।
विजीलैंस ने किया था रंगे हाथों गिरफ्तार
आढ़ती वरिन्द्र कुमार ने अपने दोस्तों की सलाह पर इस संबंधी शिकायत विजीलैंस विभाग जालंधर को कर दी। विजीलैंस विभाग के निर्देश पर उसने 18 नवम्बर 2014 को आरोपी इंस्पैक्टर रवन कुमार को पैसे लेने के लिए अपनी दुकान पर बुलाया। दुकान पर ज्यों ही उसने रवन कुमार को 7 हजार रुपए थमाए तो पहले से ताक में बैठी विजीलैंस टीम ने आरोपी इंस्पैक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था।