Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 09:27 AM
पंजाब में जल्द ही घर के बाहर गाड़ी खड़ी करने के लिए परमिट लेना पड़ेगा। पंजाब सरकार पब्लिक पार्किंग पॉलिसी को अमल में लाने की तैयारी कर रही है। बाकायदा ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है।
चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): पंजाब में जल्द ही घर के बाहर गाड़ी खड़ी करने के लिए परमिट लेना पड़ेगा। पंजाब सरकार पब्लिक पार्किंग पॉलिसी को अमल में लाने की तैयारी कर रही है। बाकायदा ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है। ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक 31 मार्च, 2018 से राज्य के बड़े शहरों में एरिया पार्किंग प्लान घोषित होंगे। इसके तहत प्रत्येक नगर निगम अपनी सीमा के तहत शहर को मल्टीपल पार्किंग जोन व पार्किंग मैनेजमैंट एरिया में विभाजित करेगा। हर पार्किंग जोन में स्ट्रीट नैटवर्क होगा, जिसमें पेड पार्किंग, फ्री पार्किंग और नो पार्किंग सहित ऑफ स्ट्रीट पार्किंग की सुविधा होगी। स्ट्रीट नैटवर्क एक ऑप्रेटर संभालेगा यानी भविष्य में अगर कोई फीस वसूली जाती है तो ऑप्रेटर ही वसूल करेगा और पूरे नैटवर्क के बंदोबस्त का ध्यान रखेगा।
गली के मध्य पड़ते हर स्ट्रैच को दो हिस्सों में बांटा जाएगा तथा ब्लॉक का नाम दिया जाएगा। यह ब्लॉक पेड पार्किंग, फ्री पार्किंग और नो पार्किंग में बंटे होंगे व इनको भी समय और स्थिति के लिहाज से कभी भी पेड पार्किंग को फ्री या फ्री को नो पार्किंग में तबदील किया जा सकेगा। हर ब्लॉक में बनी पेड पार्किंग में एक खास जगह फ्री साइकिल पार्किंग, ऑटो रिक्शा पार्किंग के साथ-साथ डिसेबल पर्सन्स व्हीकल पार्किंग का भी प्रावधान होगा।
वाहनों की संख्या बढऩे के कारण अकेले लुधियाना में 77 फुटबॉल ग्राऊंड जितनी जगह की जरूरत होगी। पॉलिसी में बताया गया है कि बढ़ रहे निजी वाहनों की गिनती और अन्य वाहनों को संभालना आने वाले समय में मुश्किल हो जाएगा। आलम यूं बिगड़ेगा कि हवा, पानी दूषित होने के साथ जमीन का भी अत्यधिक इस्तेमाल के साथ गलत प्रयोग शुरू हो जाएगा। वाहनों को मैनेज करने के लिए या यूं कहें पार्क करने के लिए लुधियाना के अलावा पटियाला में 31, बठिंडा में 15 और अमृतसर में 32 फुटबाल ग्राऊंड्स जितनी जमीन की जरूरत होगी।
एरिया का होगा सर्वे
पॉलिसी लागू करने हेतु निर्धारित एरिया का सर्वे होगा। लाइट मोटर व्हीकल,स्पीड लिमिट, पेड़, बैरियर आदि को ध्यान में रखकर ही पॉलिसी लागू की जाएगी। एम्बुलैंस व एमरजैंसी वाहनों के लिए स्थान दिया जाएगा। अस्पताल, ग्रीन एरिया में नो पार्किंग के प्रावधान के लिए राय ली जाएगी। वहीं, पर्यावरण कानून के तहत आने वाले व निर्माण होने वाले किसी भी मॉल या कमशर््िायल बिल्डिंग के लिए पार्किंग हेतु अलग से परमिशन लेना होगा।
इसलिए अमल में लाई जा रही है पॉलिसी
ड्राफ्ट पॉलिसी में बताया गया है कि अमृतसर और लुधियाना जनसंख्या के लिहाज से मिलियन प्लस कैटेगरी में आते हैं। 1 से 10 लाख की जनसंख्या वाले 16 क्लास वन टाउन हैं जिनमें मुक्तसर, पटियाला और बठिंडा जैसे शहर भी शामिल हैं। इनमें एक दशक दौरान जनसंख्या
में 30-40 फीसदी का इजाफा हुआ है। साथ ही, अर्बेनाइजेशन और मोटराइजेशन यानी प्रति व्यक्ति वाहन में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्ष 1980 की अपेक्षा पंजाब में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 25 गुना बढ़ गई है। पंजाब के कुल रजिस्टर्ड वाहनों में अधिकतर भागीदारी यानी 60 फीसदी वाहन 6 शहरों में देखने को मिले हैं। इनमें लुधियाना,जालंधर, अमृतसर,पटियाला,होशियारपुर और गुरदासपुर सबसे आगे हैं। उसमें भी गुरदासपुर और लुधियाना में वाहनों की भागीदारी 20 फीसदी अधिक है। मोटराइजेशन में सबसे अधिक प्रैशर निजी वाहनों का है जोकि पिछले कुछ सालों में 19 फीसदी बढ़ा है।
पेड पार्किंग में रैजीडैंट्स को डिस्काउंट
निजी वाहनों के लिए संबंधित एरिया में रैजीडैंट पार्किंग परमिट दिया जाएगा। यह परमिट ऑप्रेटर देगा। परमिट के बाद ही अपने घर के बाहर पार्किंग की सुविधा मिलेगी। साथ ही ऑप्रेटर संबंधित एरिया में लागू पार्किंग पॉलिसी के तहत निजी वाहनों की पार्किंग को फ्री या पेड कर सकेगा। इन सबसे होने वाली आय को सरकार राज्य के ढांचे को मजबूत करने पर खर्च करेगी। पेड पार्किंग में रैजीडैंट्स को डिस्काऊंट रेट पर पार्किंग दी जाएगी। पॉलिसी में डिस्एबल्ड लोगों के वाहनों को खास जगह देने और फ्री जगह देने की बात कही गई है। उनके लिए तय स्थानों पर वाहनों की स्पीड लिमिट को भी कंट्रोल किए जाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा कई शहरों में पुरानी जगहों पर पार्किंग सुविधा को मैनेज किया जाएगा जिसे पार्क एंड वॉक या फिर पार्क एंड ड्राइव की सुविधा दी जाएगी। हैरीटेज,अस्पताल और एजूकेशनल इंस्टीट्यूट के सामने अलग नीति के तहत नियम लागू किए जाएंगे।