Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Dec, 2017 12:57 PM
कैप्टन सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे के मुकम्मल होने के बाद जाली पैंशन के 93521 मामले सामने आए हैं। इसके बाद मौजूदा सरकार ने इन पैंशन धारकों को रोक लगाने के आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को हिदायतें जारी कर दी हैं।
चंडीगढ़: कैप्टन सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे के मुकम्मल होने के बाद जाली पैंशन के 93521 मामले सामने आए हैं। इसके बाद मौजूदा सरकार ने इन पैंशन धारकों को रोक लगाने के आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को हिदायतें जारी कर दी हैं।
बुढापा पैंशन के साथ संबंधित विभाग से मिली जानकारी अनुसार सर्वे में कम उम्र वाले और अधिक आमदन वाले व्यक्तियों की तरफ से भी बुढापा पैंशन लेने के मामले सामने आए हैं। कुल 19.87 लाख पैंशन धारकों की जांच के बाद 16.24 लाख पैंशन केस सही पाए गए, 3.62 लाख केसों में से 93521 जाली केस पाए गए हैं।
अब तक के सर्वे में जाली 2,68,479 केस शक के घेरे में हैं। इनकी जांच भी एक माह अंदर पूरी करने के लिए सरकार की तरफ से निर्देश दिए गए हैं। सामाजिक सुरक्षा विभाग की तरफ से बुढापा पैंशन लाभपात्रियों की वोटर लिस्ट, राशन, आधार कार्ड आदि के आधार पर की गई जांच के बाद जो जाली मामले सामने आए हैं, उनमें 51328 छोटी उम्र के और 42193 ऐसे हैं, जिनकी आमदन पैंशन के निर्धारित मापदंडों से कहीं ज्यादा है।
56.11 करोड़ का प्रति साल लगा चूना
सर्वे अनुसार 500 रुपए प्रति माह की अदायगी के हिसाब से अयोग्य व्यक्तियों को दी गई पैंशन के कारण सरकार को 56.11 करोड़ रुपए सालाना नुकसान झेलना पड़ रहा था। सरकार ने जहां सामने आए जाली पैंशन मामलों की पेमेंट बंद करन के निर्देश देने के साथ ही नियमों अनुसार इनसे संबंधित लोगों से दोगुनी राशि वसूल की जाएगी।
बठिंडा जिले में सबसे अधिक मामले
सर्वे अनुसार जाली मामलों में बठिंडा ज़िला नंबर 1 पर है। जहां कुल 35924 मामलों में से 13516 गलत पाए गए। दि