Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Nov, 2017 10:25 AM
: एडीशनल स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बी.एस. धालीवाल ने गत दिवस आर.टी.ए. दफ्तर का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ चंडीगढ़ से आई विशेष टीम ने दफ्तर के रिकार्ड की भी पड़ताल की। उन्होंने कहा कि यह उनका रूटीन दौरा है।
जालंधर (अमित): एडीशनल स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बी.एस. धालीवाल ने गत दिवस आर.टी.ए. दफ्तर का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ चंडीगढ़ से आई विशेष टीम ने दफ्तर के रिकार्ड की भी पड़ताल की। उन्होंने कहा कि यह उनका रूटीन दौरा है। पिछले लंबे समय से आर.टी.ए. एवं पूर्व डी.टी.ओ. कार्यालय के रिकार्ड की पड़ताल पैंङ्क्षडग पड़ी हुई थी, जिस वजह से उन्होंने यहां दौरा करके सारे रिकार्ड की गहन जांच-पड़ताल की है, जोकि संतोषजनक पाया गया है।
एस.टी.सी. ने कहा कि आर.टी.ए. दरबारा सिंह से उनकी ट्रैक पर जनता को पेश आ रही परेशानियों को लेकर विशेष वार्तालाप हुई है, जिसके बाद जालंधर के ट्रैक के लिए एक हैल्प डैस्क स्थापित करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। जहां कम पढ़े-लिखे व अनपढ़ आवेदकों को पासपोर्ट दफ्तरों की तर्ज पर ऑनलाइन आवेदन जमा करवाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस हैल्प डैस्क पर लोगों से मामूली शुल्क लेकर अप्वाइंटमैंट दिलाने की सुविधा भी दी जाएगी।
इसके साथ ही दस्तावेज फोटोस्टेट करवाने के लिए आने वाली समस्या को देखते हुए ट्रैक पर एक फोटोस्टेट मशीन लगाई जाएगी।एस.टी.सी. ने कहा कि पूरे प्रदेश में हैल्प डैस्क स्कीम को लागू करने के लिए भी विस्तृत प्रस्ताव बनाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रैक पर सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। पार्किंग के काम को मुकम्मल करने के लिए फंड तुरंत प्रभाव से रिलीज कर दिया जाएगा।
पुराने सॉफ्टवेयर को बदलने से आएगा सुधार
एस.टी.सी. ने कहा कि फिलहाल सॉफ्टवेयर का पुराना वर्जन 2 काम कर रहा है, जिसमें पूरा काम ऑनलाइन नहीं किया जाता। नया सॉफ्टवेयर आने से काम में सुधार और तेजी भी आएगी। फाइलों को एक जगह से दूसरी जगह मैन्युली लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। सारा काम ऑनलाइन हो जाएगा।
नए सॉफ्टवेयर की 50 प्रतिशत आई.डी. का काम हुआ मुकम्मल
एस.टी.सी. ने कहा कि आने वाले 15 दिन के अंदर-अंदर पूरे प्रदेश में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का नया वर्जन 4 शुरू होने वाला है, जिसके लिए समूह आर.टी.एज और एस.डी.एम्ज को अपनी-अपनी यूजर आई.डी. बनवाने के लिए कहा गया है।
लगभग सभी आर.टी.एज की आई.डी. पहले ही बनी हुई है, मगर एस.डी.एम्ज के पास काम पहली बार जाने के कारण यह काम पैंडिंग पड़ा है। लगभग 50 प्रतिशत काम मुकम्मल हो चुका है। बाकी भी जल्दी ही पूरा हो जाएगा। जिसके बाद व्हीकल रजिस्ट्रेशन का काम केवल ऑनलाइन ही किया जा सकेगा।