Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 09:30 AM
नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ विरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने देश में डेंगू के नए वायरस के आगमन की पुष्टि की है। देश में पहली बार आए इस नए वायरस के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि नया वायरस एशियन जैनोटाइप (जैनेटिक स्ट्रक्चर) का है....
लुधियाना (सहगल): नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ विरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने देश में डेंगू के नए वायरस के आगमन की पुष्टि की है। देश में पहली बार आए इस नए वायरस के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि नया वायरस एशियन जैनोटाइप (जैनेटिक स्ट्रक्चर) का है और 2005 में सिंगापुर तथा 2009 में श्रीलंका में अपना घातक रूप दिखाकर व्यापक महामारी फैला चुका है। भारत में उक्त वायरस 2012 में तमिलनाडु तथा 2013 में केरल में फैले डेंगू ज्वर का जिम्मेदार माना जाता है।
इस शोध की रिपोर्ट एशियन जैनोटाइप डेन-वन इन साऊथ इंडिया के नाम से विरोलॉजी जनरल में छपी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले देश में डेंगू के 4 प्रकार के वायरस पाए जा रहे हैं, जिनमें डेन-1, डेन-2, डेन-3 तथा डेन-4 हैं। एशियन जैनोटाइप डेन-वन दक्षिण भारत में सामने आए डेंगू के मरीजों में पाया गया है। इससे पहले यह वायरस भारत में नहीं पाया गया। वैज्ञानिकों की इस रिपोर्ट के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने को कहा है।
पंजाब के आई.डी.एस.पी. प्रोग्राम अफसर डा. गगनदीप सिंह ने कहा कि वह पहले से जागरूक हैं और डेंगू के मरीजों के 10 सैम्पल पी.जी.आई. चंडीगढ़ भेजे हैं, ताकि वायरस का पता लगाया जा सके कि राज्य में डेंगू का कौन-सा वायरस अपना प्रकोप फैला रहा है। अगले हफ्ते इस रिपोर्ट के आने का इंतजार है। उसके बाद यह सामने आ जाएगा कि कहीं नया वायरस अपना प्रकोप राज्य में तो नहीं फैला रहा या फिर पुराने वायरस में से कोई एक सक्रिय है। डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर के अनुसार पहले पंजाब में डेन-2 का प्रकोप ही देखा गया है, जिसकी म्यूटेशन में किसी तरह का बदलाव नहीं पाया गया है।