ड्राइवर की लापरवाही से पलटी तेज रफ्तार टैक्सी, महिला की मौत

Edited By Vatika,Updated: 14 Mar, 2019 11:53 AM

woman died

पुलिस जिला खन्ना अधीन पड़ते मल्लीपुर गांव के पास जी.टी. रोड पर बुधवार देर शाम ड्राइवर की लापरवाही से एक तेज रफ्तार टैक्सी पलट गई। इस हादसे में जहां परिवार के 4 सदस्यों में से एक महिला की मौत हो गई, वहीं 3 अन्य मैंबर घायल हो गए। हादसे के बाद टैक्सी...

खन्ना(सुनील/सूद): पुलिस जिला खन्ना अधीन पड़ते मल्लीपुर गांव के पास जी.टी. रोड पर बुधवार देर शाम ड्राइवर की लापरवाही से एक तेज रफ्तार टैक्सी पलट गई। इस हादसे में जहां परिवार के 4 सदस्यों में से एक महिला की मौत हो गई, वहीं 3 अन्य मैंबर घायल हो गए। हादसे के बाद टैक्सी का ड्राइवर गाड़ी में से निकल फरार हो गया। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार जतिंद्र मोहन कालिया (41), उनकी पत्नी ममता कालिया (38), बेटा खुशू (18) और बेटी आलिया निवासी डाबा रोड लुधियाना मोहाली में शादी समागम में भाग लेने उपरांत वहां से किराए पर उबर कंपनी की टैक्सी (इंडिगो कार) करके वापस लुधियाना आ रहे थे। आरोप है कि टैक्सी ड्राइवर वापस लौटने की जल्दी में लापरवाही से तेज रफ्तार में ड्राइविंग करता हुआ आ रहा था। मल्लीपुर के पास कार बेकाबू होकर पलट गई और दूसरी तरफ जाकर पेड़ से टकरा गई। हादसे दौरान जङ्क्षतद्र मोहन, उसकी पत्नी, बेटा तथा बेटी कार से बाहर गिर गए। इसी दौरान ड्राइवर रमनदीप सिंह कार से निकल कर फरार हो गया। वहीं जतिंद्र के बेटे खुशू ने राहगीरों की मदद से गंभीर रूप से घायल अपनी मां ममता को दोराहा के सिद्धू अस्पताल में दाखिल कराया, जहां ममता को मृत घोषित कर दिया गया।

क्या कहना है एस.एच.ओ. का
इस संबंध में जब एस.एच.ओ. करनैल सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हादसे की सूचना मिल गई है। वे मौके पर जायजा लेने जा रहे हैं। अस्पताल में हंगामे की भी शिकायत मिली है। इसलिए जो भी बनती कार्रवाई होगी वह की जाएगी।

अस्पताल ने पहले 20 हजार और फिर थमाई 26500 की पर्ची, बहस की वीडियो वायरल
वहीं इस हादसे में ममता की मौत के बाद परिवार वालों ने सिद्धू अस्पताल में हल्ला बोलते हुए पहले तो अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और साथ ही डाक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। मृतका के पति जङ्क्षतद्र मोहन ने कहा कि जब उनकी पत्नी को अस्पताल में लाया गया तो डाक्टर बोले रहे थे कि कोई घबराने की जरूरत नहीं है, मरीज को बचा लिया जाएगा। 15-20 मिनट बाद उन्हें पहले 20000 तथा साथ ही 26500 रुपए की पर्ची दे दी गई। यह पैसे जमा कराने के बाद ही डाक्टरों की भाषा बदल गई और मरीज को रैफर करते हुए लुधियाना ले जाने की बात कही, लेकिन अस्पताल में कोई एम्बुलैंस नहीं थी। कुछ ही देर में डाक्टरों ने कहा कि मरीज की मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि वे पूछना चाहते हैं कि अगर अस्पताल में प्रबंध नहीं थे, तो मरीज को दाखिल ही क्यों किया गया। इस दौरान परिवार वालों की अस्पताल स्टाफ के साथ बहस भी हुई, जिसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। 

क्या कहना है डाक्टर का
इस संबंध में जब सिद्धू अस्पताल के डा. रविंद्र सिंह सिद्धू से बातचीत की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को झूठ तथा निराधार करार देते हुए कहा कि जब महिला को लाया गया था तो तभी परिवार वालों को बताया गया था कि हालत गंभीर है। वे बचाने की कोशिश करेंगे। इस दौरान महिला का नब्ज, पल्स, ब्लड प्रैशर निम्न स्तर पर था। उसे बचाने के अथक प्रयास किए गए। लेकिन महिला बच नहीं सकी। जब उसे रैफर किया जाने लगा था तो एम्बुलैंस भी आ गई थी। परिवार वालों ने खुद ही मना किया कि यहां पर ही बचाने की कोशिश की जाए। बिल जो जायज था वो ही लिया गया। कोई फालतू पैसे नहीं लिए गए। डा. सिद्धू ने कहा कि जो अस्पताल में हंगामा किया गया उसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से कर दी थी।

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