Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Sep, 2019 01:51 PM
पंजाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से हर रोज शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की शेखियां मारीं जा रहीं हैं।
खन्ना(कमल): पंजाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से हर रोज शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की शेखियां मारीं जा रहीं हैं। महकमे के अधिकारी अपनी, ड्यूटियों के लिए कितने वचनबद्ध हैं, इसकी मिसाल पंजाब राज्य अध्यापक योग्यता परीक्षा में की जा रही देरी है। पंजाब सरकार की तरफ से 2500 अध्यापकों की असामियों को भरने के लिए हरी झंडी तो दे दी गई है, परन्तु महकमे की तरफ से साल 2017 की उक्त परीक्षा फरवरी 2018 में ली गई थी, जबकि साल 2018 की परीक्षा ली ही नहीं गई और 2019 का साल भी गुजर गया है।
पंजाब सरकार की तरफ से अभी भी परीक्षा लेने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। दूसरी तरफ सी.बी.एस.सी. की तरफ से रैगुलर तौर पर साल में दो बारी यह परीक्षा ली जा रही है, महकमे के सचिव कृष्ण कुमार की तरफ से हर साल दिसम्बर महीने में यह परीक्षा लेने के लिए पत्र जारी किया गया था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस परीक्षा की तैयारी कर रहे बी.एड. पास विद्यार्थियों ने शिक्षा मंत्री और सचिव कृष्ण कुमार से मांग की है कि जब तक टैट का पेपर नहीं लिया जाता, तब तक अध्यापकों की असामियां न भरीं जाएं। यदि ऐसा किया गया तो उनकी तरफ से संघर्ष आरंभ किया जाएगा कई विद्यार्थियों की उम्र निकलने के कारण अप्लाई करने से वंचित रह गए हैं।