फिजिकल इंस्पैक्शन के साथ प्राइवेट स्कूलों में मचा हड़कंप

Edited By Vatika,Updated: 18 Jan, 2019 11:42 AM

private school

जहां पंजाब सरकार की तरफ से अलग-अलग समय प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते बच्चों की लूट और अध्यापकों को उनकी पूरी तनख्वाह दिलाने के लिए यत्न किए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल सरकार की परवाह न करते हुए नियमों का उल्लंघन करना अपना हक समझते हैं।

खन्ना(कमल): जहां पंजाब सरकार की तरफ से अलग-अलग समय प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते बच्चों की लूट और अध्यापकों को उनकी पूरी तनख्वाह दिलाने के लिए यत्न किए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल सरकार की परवाह न करते हुए नियमों का उल्लंघन करना अपना हक समझते हैं।

दफ्तर डायरैक्टर शिक्षा विभाग की तरफ से प्राइवेट और अन-एडिड स्कूलों के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जिन्हें इन स्कूलों की फिजिकल इंस्पैक्शन करने उपरांत एक हफ्ते अंदर रिपोर्ट देने की ड्यूटी लगाई गई है। इसी लड़ी अनुसार आज जब उप जिला शिक्षा अफसर (सै.सि.) लुधियाना डाक्टर चरणजीत सिंह की तरफ से पायल के अलग-अलग स्कूलों की फिजिकल इंस्पैक्शन की गई तो प्राइवेट स्कूलों में हड़कंप मच गया। चाहे इंस्पैक्शन टीम के इंचार्ज डा. चरणजीत सिंह की तरफ से कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया परन्तु अति भरोसे योग्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट स्कूलों में आज भी अध्यापकों की तनख्वाहें उनके खातों में नहीं डालीं जातीं, उनको नकद ही दी जाती हैं, चाहे पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से काफी सख्ती के साथ सभी स्कूलों के अध्यापकों की तनख्वाहें उनके बैंक खातों में डालने सम्बन्धित हिदायतें जारी की गई थीं, परन्तु यह स्कूल सरकार और बोर्ड के हुक्मों को ठेंगा दिखाते नजर आते हैं।

मिली जानकारी अनुसार कई स्कूलों में आज भी बच्चों से ली जाने वाली फीस का एक साल बाद 8 प्रतिशत से ज़्यादा विस्तार किया जाता है और पिछली बार की तरह ही बच्चों के मां-बाप की लूट जारी है। 2016 अनुसार स्कूल को कमर्शियल पक्ष से लाभ पहुंचाने वाली गतिविधियों जैसे पुस्तकें कापियों, स्टेशनरी, टाइयां, बैल्टें आदि की स्कूल के कॉम्पलैक्स अंदर बिक्री पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाई गई है। परन्तु यह एक सत्य है कि स्कूलों की तरफ से सीधे या असीधे तौर पर इन कमर्शियल गतिविधियों का सहारा लिया जा रहा है। बहुत से स्कूलों की तरफ से दुकानों के साथ संपर्क करके विद्यार्थियों को उनसे स्टेशनरी और वॢदयां लेने के लिए हिदायत की जाती है। यहां यह देखना होगा कि अब सरकार इस ईमानदार अधिकारी की रिपोर्ट पर क्या करवाई करती है या यह सिर्फ कागज ही बन कर रह जाएंगे।

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