पटाखा बेचने वाले डीलर फंसे GST के चक्कर में

Edited By Vatika,Updated: 06 Nov, 2018 10:46 AM

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खन्ना में पटाखे बेचने के लिए जिलाधीश के पास 17 लोगों ने आवेदन किया था लेकिन सरकार ने केवल 3 लोगों को लाइसैंस देकर बाकी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। खन्ना के इर्द-गिर्द हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी थी जिसके लिए 17 तो क्या 50 पटाखे बेचने वालों को...

खन्ना(शाही): खन्ना में पटाखे बेचने के लिए जिलाधीश के पास 17 लोगों ने आवेदन किया था लेकिन सरकार ने केवल 3 लोगों को लाइसैंस देकर बाकी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। खन्ना के इर्द-गिर्द हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी थी जिसके लिए 17 तो क्या 50 पटाखे बेचने वालों को लाइसैंस दिया जा सकता था, लेकिन केवल 3 को लाइसैंस देकर आपस में प्रतिस्पर्धा ही खत्म कर दी जिससे 3 डीलर अपनी मर्जी से रेट वसूलने लग गए, जिसका नुक्सान आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। खन्ना में कमल शर्मा, महिन्द्र पाल और कुलदीप कुमार को ही अटवाल पैलेस के पास लगते ग्राऊंड में पटाखे बेचने का लाइसैंस जारी हुआ है। इन तीनों ने शहर से बाहर खुले मैदान में टैंट लगा कर पटाखों की बिक्री शुरू कर दी है। टैंटों के पास नगर कौंसिल द्वारा फायर ब्रिगेड गाड़ी खड़ी कर दी गई है और पटाखे बेचने वालों के लिए भी अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया है । 


उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ा अतिरिक्त बोझ :  पिछले सालों में जो पटाखे प्रिंट रेट से 80 से 90 प्रतिशत कम दाम पर बिकते थे अब बहुत कम पटाखे 80 प्रतिशत और अधिकांश 50 प्रतिशत कम दाम पर बिक रहे हैं। व्यापारियों का कहना है पिछले सालों में वे 20 लाख की छूट प्राप्त कर बिना जी.एस.टी. के पटाखे बेचते थे। अब उन्हे जी.एस.टी. के साथ और खुले में टैंट का खर्चा अतिरिक्त करना पड़ रहा है, जिससे पिछले सालों के मुकाबले ग्राहकों को प्रिंट रेट पर कम छूट मिलेगी। प्रशासन ने पटाखों की बिक्री के लिए कोई कीमत नहीं तय की है, जिसका डीलर भरपूर फायदा उठा रहे हैं

जी.एस.टी. के चक्कर में फंसे पटाखा विक्रेता : जी.एस.टी. नियमों में 20 लाख तक बिक्री करने वाले को जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं होती लेकिन जिस किसी भी व्यापारी के पास रा’य में कोई अस्थायी पता नहीं है और केवल कुछ समय के लिए वस्तु की बिक्री करनी या सॢवस देनी है तो उन्हें कैजुअल ट्रेडर के अंतर्गत 20 लाख की छूट की सुविधा नहीं मिल सकती। आमतौर पर कैजुअल ट्रेडर श्रेणी में दूसरे राज्यों से आकर सर्कस या प्रदर्शनी कर बिक्री करने वाले लोग आते हैं, क्योंकि पटाखे बेचने वालों ने खुले में टैंट लगा कर कुछ दिन के लिए ही बिक्री करनी है तो इन्हें कैजुअल नियमों के अंतर्गत जरूरी जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन की श्रेणी में लाकर जी.एस.टी. जमा करवाने को कह दिया है, जबकि पटाखे विके्रताओं का कहना है कि उनकी पंजाब में अचल सम्पतियां हैं इसलिए उन्हें 20 लाख छूट की सुविधा मिलनी चाहिए। इस बावत जब आबकारी एवं कर विभाग खन्ना के निरीक्षक अमनदीप सिंह गिल से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि खन्ना में तीनों पटाखे बेचने वालों ने जी.एस.टी. नियमों के अंतर्गत कैजुअल ट्रेडर रजिस्ट्रेशन का आवेदन कर दिया है। जब उनसे पूछा गया कि नियमों के अंतर्गत 3 दिन में रजिस्ट्रेशन देनी होती है और दीवाली को केवल & दिन ही बचे हैं तो उनकी बिक्री कैसे शुरू होगी तो गिल ने बताया कि कोशिश होगी तीनों को 6 नवम्बर को रजिस्ट्रेशन जारी कर दी जाए ।

परचून में बिक्री शहर में बंद फिर भी चोरी-छिपे बिक रहे हैं पटाखे : पिछले सालों में साहनेवाल, धूरी व कुराली जैसे शहरों में केवल 5-7 थोक के पटाखे बेचने वाले व्यापारी थे जो सिवाय काशी जैसे शहरों के निर्माताओं से पटाखे खरीद कर आगे थोक में अपने सब-डीलरों को बेचते थे। ये सब-डीलर आगे परचून में छोटे-छोटे व्यापारियों को पटाखे बेचते थे जो शहर में सड़क के किनारे छोटी-छोटी स्टालें लगा कर आगे उपभोक्ताओं को बेचते थे। इस वर्ष थोक के व्यापारी सब-डीलरों के पटाखे बेच रहे हैं, जिन्हें जिलाधीश ने लाइसैंस जारी किए हैं और वे सब-डीलर आगे सीधे उपभोक्ताओं को पटाखे बेच रहे हैं, लेकिन छानबीन करने पर पता चला है कि सब-डीलरों से कुछ लोग आगे बेचने के लिए पटाखे ले आए हैं और उन्होंने आगे चोरी-छुपे शहर के अंदर गलियों में पटाखे बेचने शुरू कर दिए हैं।  

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