Edited By Vatika,Updated: 14 Sep, 2019 01:41 PM
पंजाब सरकार द्वारा अपने अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल दौरान जो जनहित के कार्य किए गए हैं, उनके चलते शिरोमणि अकाली दल पार्टी के पास इन उपचुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है।
खन्ना (कमल): पंजाब सरकार द्वारा अपने अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल दौरान जो जनहित के कार्य किए गए हैं, उनके चलते शिरोमणि अकाली दल पार्टी के पास इन उपचुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। मुद्दाहीन हुई इस पार्टी के नेता अब सोच रहे हैं कि वे लोगों की कचहरी में किस मुद्दे को लेकर जाएंगे। ये विचार पंजाब के सेहत एवं परिवार भलाई मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज ऐतिहासिक छपार मेले पर कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए राजनीतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
सिद्धू ने कहा कि किसी समय पंजाब पर 40 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था, परन्तु पिछली सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और पंजाब को आर्थिक पक्ष से उजाडऩे की घटिया साजिशों के कारण कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के सत्ता संभालते समय यह कर्ज 2.25 लाख करोड़ रुपए हो गया था। परन्तु कैप्टन सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश को आर्थिक पक्ष से मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी वायदे पूरे करने को प्राथमिकता दी। कैप्टन सरकार द्वारा सभी चुनावी वायदे पूरे करने पर ध्यान दिया जा रहा है, जिस कारण शिरोमणि अकाली दल के पास अगले उपचुनाव में लोगों में जाने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। सिद्धू ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश आर्थिक तौर पर औद्योगिक घरानों का गुलाम होता जा रहा है। इस मौके उन्होंने गांव छपार में चल रहे सब सैंटर को प्रारंभिक स्वास्थ्य केंद्र के तौर पर अपग्रेड करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह प्रारंभिक स्वास्थ्य केंद्र अगले 2 महीनों में चालू कर दिया जाएगा। लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि बादल परिवार के नेतृत्व वाला शिरोमणि अकाली दल और आर.एस.एस. कभी नहीं चाहते कि पवित्र धार्मिक ग्रंथों के आरोपियों को सजा दी जाए।
इसी वजह से पिछली सरकार द्वारा यह मामला सी.बी.आई. को सौंप दिया गया था। बिट्टू ने कहा कि भाजपा की शह पर ही तुगलकाबाद स्थित पवित्र रविदास मंदिर को दिल्ली डिवैल्पमैंट अथॉरिटी द्वारा गिरवाया गया है। जबकि कांग्रेस पार्टी इस मंदिर को फिर से उसी स्थान पर बनवाकर कौम को समर्पित करेगी। श्री फतेहगढ़ साहिब से लोक सभा सदस्य डा. अमर सिंह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पंजाब सरकार को हर पक्ष से फेल करने पर लगी हुई है। प्रदेश के बजट में भारी कटौती कर दी गई है। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर सिर्फ वोट की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी के प्रतिनिधियों ने कभी भी लोकसभा या राज्य सभा में पंजाब या पंजाबियों के मुद्दे नहीं उठाए।